Chhattisgarhछत्तीसगढ

असफलता से ना घबरायें और लक्ष्य प्राप्ति तक निरंतर कड़ी मेहनत करते रहें तो सफलता निश्चित- डॉ धनंजय साहू

जिला रिपोर्टर शक्ति उदय मधुकर

सक्ती : लक्ष्य प्राप्ति के लिए अगर घर छोड़ना पड़े तो छोड़ दो। अपनों से दूर रहना पड़े तो रहो क्योंकि जीवन में दो ही चीजें होती हैं या हार मिलती है या फिर जीत। यहां हमें अपनी हार या असफलता से घबराना नहीं है क्योंकि मैं अपनी नजरिया से कहुं तो जीवन में हार के लिए कोई जगह नहीं है। हमें विषम से विषम परिस्थितियों में भी हार नहीं माननी चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति तक निरंतर कड़ी मेहनत करते रहने चाहिए। यदि हम ऐसा कर पाए तो सफलता निश्चित है। उक्त बातें सक्ती जिले के एक छोटे से गांव नगरदा से निकल कर एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट किर्गिस्तान से डाक्टरी की पढ़ाई कर वतन लौटे होनहार डाक्टर धनंजय साहू ने मीडिया से बातचीत में कही है।

इस मौके पर छात्र -छात्राओं को पढ़ाई के लिए टिप्स देते हुए विजुअल और स्पेशल मेमोरी के इस्तेमाल को उपयोगी बताया वहीं स्टीमिंग यानी सरसरी नजर , रिवीजन रीडिंग तथा एआई तकनीक को भी वर्तमान दौर में पढ़ाई -लिखाई के लिए अति लाभदायक बताया। अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता सहित गुरू जनों को देते हुए अपने भविष्य के लिए प्लान का खुलासा करते हुए डॉ धनंजय साहू ने बताया कि वे जमीनी सोंच वाले व्यक्ति हैं इस लिहाज से वे आगे आने वाले दिनों में वो एक चिकित्सक के रूप में सक्ती जिले में अपनी सेवाएं देने की बात कही है। बात करें डॉ धनंजय साहू की प्रारंभिक जीवन व शिक्षा-दीक्षा की तो उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गृह ग्राम नगरदा से पाई तो वहीं माध्यमिक शिक्षा बिलासपुर में हुई। आगे हाईस्कूल व हायर सेकंडरी की पढ़ाई उन्होंने चंद्रपुर स्थित रमापति उच्च माध्यमिक विद्यालय से किया।

यहां से आगे एमबीबीएस डाक्टरी की पढ़ाई उन्होंने एशियन मेडिकल इंस्टीट्यूट किर्गिस्तान से किया है। विदित हो कि डॉ धनंजय साहू सक्ती के पूर्व विधायक व भाजपा नेता डॉ खिलावन साहू तथा श्रीमती रत्ना साहू के सुपुत्र हैं। इनकी सफलता से साहू समाज सहित क्षेत्रवासियों में उत्साह है वहीं क्षेत्र के युवा इन्हें अपने लिए प्रेरणा मानकर इनसे मार्गदर्शन हेतु भी पहुंच रहे हैं।