
कोरबा – जिले की बाकीमोगरा क्षेत्र अंतर्गत एस ई सी एल कालोनी कटाईनार में कालोनी के अंदर और मुख्य मार्ग तक लोगों का आना जाना होता ही रहता है,ऐसे में इस मार्ग पर कचरे का भंडार लगा हुआ है,जिसकी सफाई एवम कचरे के उठाव पर संबंधित ठेकेदार एवं जिम्मेदार आधिकारियों ध्यान नही दे रहे है। जबकि इसकी लगातार जानकारी देते हुए शिकायत क्षेत्र के लोगो के द्वारा की जा रहे है,बावजूद इसके समस्या जस के तस बनी हुई है यह समझ से परे हैं। जिसने कचरा हटाने का ठेका लिया है उस ठेकेदार कि इस लापरवाही से आए दिन वहाँ से गुजरने वाले लोग बारिश की वजह से वहाँ की बदबू से और भी ज्यादा परेशान हैं साथ ही साथ वहाँ पास में ही छोटे बच्चों का स्कूल भी संचालित है जो कि उस गंदगी और बदबू से बच्चों के सेहद पर बहुत बुरा असर पड़ता है वही पर नजदीक में गणेश पंडाल भी है जिसमे कुछ दिन बाद गणेश जी भी विराजमान होने वाले है और श्रद्धालुओं का आना जाना भारी संख्या में होगी इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए परंतु इस बात की भी चिंता नही है ठेकेदार की लापरवाही और अपनी मनमानी के कारण वहां का वातावरण प्रदूषित हो रहा है आपको बताते चलें कि क्षेत्र में संचालित एसईसीएल की मुख्य खदानें लगातार बंद होते जा रही है और एसईसीएल प्रबंधन अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटते जा रहा है जिस तरह से एसईसीएल प्रबंधन अपने कॉलोनी में सफाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है कहीं ना कहीं अपने कर्मचारियों को मौत के मुंह में धकेलते जा रहा है आए दिन सूचनाए मिलते रहती है कि कहीं एसईसीएल के क्वार्टर की व्यवस्थाएं कितनी दुर्भाग्यपूर्ण है कहीं पानी की दिक्कत क्वार्टरों के टूटे हुए छज्जे, खप्पर और गंदी पानियों का सप्लाई लगातार कॉलोनी में जारी रहती है पता नहीं जिम्मेदार अधिकारी क्या सोचते हैं क्या यह कार्य शोभनीय है जिसे एसईसीएल के जिम्मेदार अधिकारी अपने क्षेत्र के वर्कर और नागरिकों पर करता जा रहा है जिन वर्करों से एसईसीएल प्रबंधन इतने मुनाफे कमा रहा है उन्हें ही इस तरह की सुविधा देना कहीं ना कहीं सवालिया निशान खड़े करता है आप देखेंगे की एसईसीएल के अफसरों के कॉलोनी में साफ सफाई और सुविधा के नाम पर चारों तरफ उजाले ही उजाले नजर आते हैं पर जब बात वर्करों पर आती है तो पता नहीं प्रबंधन क्यों ढीला पड़ जाता है क्या यह सारी सुविधा सिर्फ एसईसीएल के अफसरों के लिए ही है वर्करों पर इसका कोई हक नहीं है। अब देखना होगा कि इस त्योहार के सीजन में भी जिम्मेदार ठेकेदार अधिकारी गण इस पर क्या पहल करते हैं।