Alcohol : थोड़ी-थोड़ी पीने वाले हो जाए अर्लट, WHO ने दी चेतावनी

शराब पीने की कोई सुरक्षित सीमा नहीं होती और इसके किसी भी मात्रा में इसका सेवन स्वास्थ्य को गंभीर रूप से हानि पहुंचा सकता है. यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लांसेट पत्रिका में प्रकाशित एक बयान से साबित हुआ है. रेडिएशन और तंबाकू के साथ ही शराब को हाई जोखिम वाले कैंसर फैक्टर ‘कार्सिनोजेन’ की श्रेणी में रखा है.यह जैविक तंत्र के माध्यम से कैंसर का कारण बनता है. इसमें योगिक शरीर में टूट जाते हैं. इसका मतलब शराब किसी भी मात्रा में लिया जाए और उसकी क्वालिटी कैसी भई हो, वह कैंसर का खतरा पैदा करता है.

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यह साबित करने के लिए ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जिससे पता चले कि शराब के सेवन का असर दिल की बीमाी व टाइप-टू डायबिटीज की तुलना में कैंसर रोग के लिए ज्यादा जोखिम भरा होता है, लेकिन यह मानने के पर्याप्त सबूत हैं कि अधिक मात्रा में शराब पीने से दिल की बीमारी और टाइप-टू डायबिटीज का खतरा निश्चित तौर पर बढ़ जाता है.

7 तरह के कैंसर को दावत देती है शराब

थ्रोट कैंसर

लिवर कैंसर

कोलन कैंसर

मुंह का कैंसर

ब्रेस्ट कैंसर

एसोफेगस कैंसर

ब्लड कैंसर

यूरोप में शराब की खपत सबसे अधिक
डब्ल्यूएचओ के बयान के मुताबिक, यूरोप में साल 2017 के दौरान कैंसर रोग के 23,000 नए मामले सामने आये थे. इनमें से 50 फीसदी रतिदिन शराब की 20 ग्राम से कम मात्रा का सेवन रहा था. यूरोप में शराब की खपत सबसे अधिक है.

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