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चांपा–कोरबा रोड मरम्मत पर सवाल! जनता बोली—‘सतही काम’, गुस्सा बढ़ा तो फिर उठी विरोध की आवाज

जांजगीर-चांपा : चांपा–कोरबा मुख्य मार्ग की जर्जर स्थिति को लेकर लंबी अवधि से जनता आवाज उठाती रही है। बार-बार शिकायतों, आंदोलनों और नेताओं के निरीक्षणों के बाद आखिरकार मरम्मत कार्य शुरू तो हुआ, लेकिन जिस गुणवत्ता की उम्मीद की जा रही थी, वह धरातल पर दिखाई नहीं दे रही। सड़क मरम्मत के नाम पर विभाग सिर्फ औपचारिकता निभाता दिख रहा है। स्थानीय लोग इसे ‘सतही सुधार’ बताते हुए कड़ी नाराजगी जता रहे हैं।

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कागजों में पीचिंग, जमीन पर सिर्फ डामर की छींटें – लोक निर्माण विभाग के अनुसार चांपा से फरसवानी तक पीचिंग का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन स्थल पर स्थिति बिल्कुल विपरीत है। सड़क की बेस लेयर को ठीक नहीं किया गया, न क्रैक फिलिंग हुई और न ही समतलीकरण। तकनीकी प्रक्रिया का पालन किए बिना केवल डामर छिड़कने का काम चल रहा है। यही कारण है कि सड़क पर सुबह डामर डाला जाता है और शाम तक फिर से गड्ढे नजर आने लगते हैं।

स्थानीय नागरिकों ने कहा— “काम इतना कमजोर है कि दिन भर भी नहीं टिकता, सड़क शाम तक फिर वैसी ही खराब दिखने लगती है।”

कई बार हुए आंदोलन, फिर भी नहीं बदली कार्यप्रणाली – मार्ग की खराब स्थिति को लेकर जनता कई बार प्रदर्शन कर चुकी है। ज्ञापन सौंपे गए और नेताओं ने भी मौके पर पहुंचकर सख्त निर्देश दिए, बावजूद इसके कार्य की गुणवत्ता में कोई स्थायी परिवर्तन नहीं दिख रहा। सड़क की कई जगहें इतनी क्षतिग्रस्त हैं कि पूरी सतह ही उखड़ चुकी है, फिर भी विभाग केवल ऊपर की सतह पर डामर डालकर खानापूर्ति कर रहा है।

इंजीनियरिंग की निगरानी भी सवालों के घेरे में – विभागीय अधिकारियों का दावा है कि कार्य इंजीनियरों की निगरानी में हो रहा है, लेकिन सड़क की स्थिति इस दावे को संदेह के दायरे में ला रही है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि— क्या केवल काली परत चढ़ाने को मरम्मत मान लिया गया है? क्या जनता को सिर्फ चमकीली परत दिखाकर शांत करने की कोशिश हो रही है?

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गुणवत्ता जांच की मांग तेज – स्थानीय लोगों ने मांग की है कि कार्य की गुणवत्ता की जांच कराई जाए और मानक से कम काम के लिए जिम्मेदार अधिकारियों तथा ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाए। सड़क क्षेत्र की जीवनरेखा है और सतही मरम्मत से न दुर्घटनाएँ रुकेंगी, न समस्या का स्थायी समाधान होगा।

“विभाग को अब तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। यदि कहीं मानक से कम गुणवत्ता का कार्य पाया जाता है, तो कार्रवाई की जाएगी” — जी. आर. जांगड़े, मुख्य अभियंता पीडब्ल्यूडी