कोरबा – खदानों में कर्मचारियों की सुरक्षा में सेंध, DGMS के खिलाफ़ बीएमएस कुसमुंडा ने खोला मोर्चा, 5 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन…

कोरबा – देश में बढ़ती बिजली खपत के आपूर्ती हेतु उर्जा निर्मिती के लिये अधिक कोयला उत्पादन लक्ष्य को हासिल करते समय खदानों में सुरक्षा नियम, कानूनों का कड़ाई से पालन न होने से गंभीर एवं जानलेवा दुर्घटनाओ की संख्या में भारी बढ़ोत्तरी हो रही है। जिससे खदान में कार्यरत मजदूर, अधिकारीयों में असुरक्षितता को लेकर भय का वातावरण बना हुआ है, जिसका सीधा असर उत्पादन- उत्पादकता वृद्धि पर हो रहा है। और हमें विदेशी कोल पर निर्भर होना पड़ रहा है। देश में उपलब्ध कोयला भंडार की निकासी अगर सुरक्षा के साथ करते हुए कोयला उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करेंगे तो शून्य हानी (ZERO HARM) यह लक्ष्य को हासिल करते हुए देश के उर्जा क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर होने में जल्द ही कामयाब हो सकते है । देश की सभी कोल कंपनीयों का संगठन द्वारा सुरक्षा निरीक्षण करने पर यह देखा गया की अधिक उत्पादन लक्ष्य को हासिल करने के लिये प्रबंधन द्वारा सुरक्षा नियम, कानूनों की अनदेखी कर खदानों में उत्पादन कार्य किया जा रहा है | संगठन द्वारा सुरक्षा को लेकर किये गये निरीक्षण रिपोर्ट, पत्राचार को प्रबंधन गंभीरता से न लेते हुए अंदाज करते हैं।

उपरोक्त कथन भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीकेकेएमएस ने श्रम विभाग को लिखे पत्र में उल्लेखित किया हैं, यह पत्र कुसमुंडा जीएम के माध्यम से श्रम सचिव, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली को सौंपा गया है। कुसमुंडा क्षेत्र में सोमवार को भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ बीकेकेएमएस ने गेट मीटिंग लिया । जिसमें प्रमुख रूप से अमिया मिश्रा, हीरेन चंद्रा, यशवंत साहू, राजेश त्रिवेदी, राहुल वर्मा, लोकनाथ सोनी, रवि चौबे, बॉबी वर्मा सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

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