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ChhattisgarhKorbaछत्तीसगढ

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में कक्षा पहली एवं दूसरी का वार्षिक परीक्षा परिणाम रहा शत प्रतिशत

जीवन में किसी भी सफलता का स्वाद चखने के लिए सकारात्मक सोच आवश्यक- डॉक्टर संजय गुप्ता

छात्र जीवन की इस महत्वपूर्ण अवधि में, परीक्षाओं का महत्व और उनके प्रभाव से हमें यह सीखने का अवसर मिलता है कि जीवन में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए तैयारी और दृढ़ता की आवश्यकता होती है। परीक्षाएं हमें संघर्षों और परिश्रम की महत्वपूर्णता को समझाती हैं और हमें विकल्पों के सामने सामर्थ्यपूर्ण बनाती हैं।

परीक्षाएँ हमें भविष्य के लिए तैयार करती हैं। जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं, हमें हाई स्कूल फाइनल और कॉलेज प्रवेश परीक्षाओं जैसी बड़ी परीक्षाओं का सामना करना पड़ता है। प्रारंभिक परीक्षाओं में हम जो कौशल विकसित करते हैं, जैसे समय प्रबंधन और समस्या-समाधान,आदि। परीक्षाएँ हमारे लाइफ का हिस्सा हैं। स्कूली छात्रों के लिए, विभिन्न प्रकार की परीक्षाएँ आयोजित करायी जाती है , जैसे लिखित परीक्षाएँ, मौखिक परीक्षाएँ, व्यावहारिक परीक्षाएँ,एमसीक्यू -आधारित परीक्षाएँ आदि। स्कूली परीक्षाएँ जीवन का आधार हैं, क्योंकि परिक्षाओं से हम अपने जीवन में कठिन चुनौतियां का सामना करने के लिए परिपक्त होते हैं। परीक्षाएँ हमें अपनी ताकत और कमज़ोरियों को समझने का मौक़ा देती हैं। इस तरह, हम विशिष्ट अवधारणाओं या कौशलों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। अतं:,परीक्षाएं हमें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं, मानकीकरण में योगदान देती हैं, तथा विभिन्न अवसरों के द्वार खोलती हैं।

परीक्षाएँ हमारी शिक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं। हम जितनी ज़्यादा परीक्षाओं मे बैठेगें, हमारे कौशल और ज्ञान उतने ही मज़बूत होगें अक्सर लोगों का मानना ​​होता है कि परीक्षाएँ सिर्फ़ हमारे अकादमिक प्रदर्शन को मापने के लिए होती हैं। बेशक परीक्षाएँ हमारे कौशल और ज्ञान के आधार पर हमारे अकादमिक प्रदर्शन को मापती हैं, लेकिन उनका उद्देश्य कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण है। वे सिर्फ़ औपचारिक मूल्यांकन नहीं हैं, बल्कि वे हमें जीवन में तैयारी के महत्व को सिखाते हैं। जब हम स्कूल परीक्षा की तैयारी करते हैं, तो हम स्थिति की गंभीरता को समझते हैं और इसलिए हम कड़ी मेहनत करते हैं। यही परीक्षाओं का मूल उद्देश्य है; वे हमें जीवन की चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं। जब हम अपनी मानसिक और शारीरिक शक्तियों पर काम करते हैं, तो हम कठिन परिस्थितियों में मजबूती से खड़े हो सकते हैं। परीक्षाओं में हमारे जीवन को बदलने की क्षमता होती है परीक्षाएँ हमें अपने कौशल और ज्ञान को प्रदर्शित करने का अवसर देती हैं। स्कूल की परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को अपनी क्षमताओं पर अधिक भरोसा होने की संभावना अधिक होती है। छात्र अपने प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकते हैं, अपनी ताकत और कमज़ोरियों को उजागर कर सकते हैं और उसके अनुसार उनमें सुधार कर सकते हैं।

वर्ष भर के अध्ययन के पश्चात कड़ी मेहनत ,लगन व परिश्रम के सामंजस्य से जब परीक्षा का परिणाम आता है तब विद्यार्थियों के मन में भय, कशमकशऔर उत्साह, भी देखने को मिलता है।
परीक्षा के परिणाम को जानने की उत्सुकता हर एक विद्यार्थियों के मन में रहती है। लेकिन परीक्षा परिणाम जब उत्कृष्ट हो तो विद्यार्थियों को परीक्षा परिणाम जानकर अपार आनंद आता है ।उसे उत्साहवर्धन हेतु विभिन्न पुरस्कारों एवं प्रमाण पत्रों से सम्मानित किया जाता है ।तब यह पल किसी भी विद्यार्थी के लिए अविस्मरणीय होता है। इंडस पब्लिक स्कूल दीपिका में कक्षा पहली एवं दूसरी के विद्यार्थियों के वार्षिक परीक्षा परिणाम की घोषणा की गई। वार्षिक परीक्षा में सत प्रतिशत विद्यार्थियों ने अच्छे अंकों के साथ सफलता प्राप्त की।

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के सभागार में आयोजित इस सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में एडिशनल एसपी कोरबा श्री नीतिश ठाकुर जी ने शिरकत की। विद्यालय में भारी तादाद में अभिभावक की उपस्थित थे कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम मां सरस्वती के चित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्प गुच्छ एवं तिलक लगाकर किया गया। विद्यालय के नृत्य प्रशिक्षक श्री हरि सर ने बहुत ही मनभावन नृत्य की प्रस्तुति दी।कार्यक्रम का संचालन सुश्री श्रद्धा मैडम ने किया। कक्षा पहली एवं दूसरी के क्रमानुसार प्रथम 10 विद्यार्थियों को मंच पर आमंत्रित कर मुख्य अतिथि, विद्यालय के प्राचार्य महोदय एवं शैक्षणिक प्रभारी के हाथों प्रमाण पत्र एवं शील्ड से सम्मानित किया गया।

प्रवीण सूची की इस श्रृंखला में कक्षा पहली *ए* से अद्विक तिवारी, अभ्याशी अग्रवाल, आरुष जायसवाल, अयांश कंवर, इकरा फरहत, जीवज सिंदराम, मिहिर चंद्रा साहू,मैथिली, रोशनी दुबे एवं सक्षम सिंह को प्रमाण पत्र एवं शील्ड से मुख्य अतिथि के हाथों सम्मानित किया गया। कक्षा पहली बी* से अयांश श्रीवास्तव ,आर्यन साहू, हर्षित कुमार कंवर, जीवेश सिंह,नरेंद्र सिंधु, प्रज्ञा परिणीता महनता, रिधान, सारांश सतपति ,सृष्टि वर्मा को प्रमाण पत्र एवं शील्ड से सम्मानित किया गया। इसी क्रम में कक्षा पहली सी* भव्य पटेल, धरनी, गुंजन कुमारी,कुशल कुमार, मिलन कुंडू, रुद्र नारायण यादव, सम्राट झा, वैष्णवी सिंह, विधान चौहान ,विवान मरार
कक्षा दूसरी ए* से
अव्या मिश्रा, आदर्श तिवारी,अव्यानं पटेल ,अदिति कुमारी शर्मा, अदरीज विश्वास,अथर्व जायसवाल , दिसी निरंजन, जानविता, प्रियल राठौर तथा रौनक श्रीवास।
कक्षा दूसरी बी* से अनामी कुमारी,अंशुमान,अक्षत पटेल, आर्शी चौधरी, बेदाश्रय साहू,दक्षा जैन,दीपांशु बूरा,प्रकृति जैन,प्रियल,शिवेश प्रकाश को सम्मानित किया गया
सभी विद्यार्थी प्रमाण पत्र एवं शील्ड पाकर प्रफुल्लित थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री नितीश ठाकुर एडिशनल एसपी कोरबा ने अपने संबोधन में कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। जिंदगी चुनौतियों से भरी हुई है। हमें हर चुनौती का मुकाबला परिश्रम ,लगन और साहस के सामंजस्य से करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन अनुशासन से बंधा होता है। हमें अनुशासन की डोर कभी नहीं छोड़नी चाहिए। यदि हम अनुशासित जीवन जीते हैं ,यदि हम अनुशासित होकर अध्ययन करते हैं, यदि हम अनुशासित होकर कोई भी खेल खेलते हैं, तो हम कितनी ही ऊंचाइयों को स्पर्श कर सकते हैं। आज जितने भी सफल व्यक्तित्व हमारे सम्मुख हैं, सबने उसे सफलता का स्वाद चखने के लिए कितनी कुर्बानियां दी होगी। अनुशासन के दायरे में रहकर परिश्रम के साथ आगे बढ़ा होगा। तभी उस मंजिल को प्राप्त किया होगा। जिंदगी में सफलता को प्राप्त करने के लिए मेहनत ,लगन व सकारात्मक का होना अति अनिवार्य है। हमें पढ़ाई के साथ-साथ योग एवं ध्यानको भी अपने जिंदगी में स्थान देना चाहिए,क्योंकि स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है ।यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा ,तो हमारा मन सभी कार्यों में लगेगा हमारे विचार अच्छे होंगे।हमेंकभी सीखना नहीं छोड़ना है।ज्ञान कहीं से भी मिलें समेट लें।ज्ञान ही ऐसा हथियार है जो आपको प्रत्येक विपत्ति से बचाएगा।सभी विद्यार्थियों को आगामी बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं।ऐसे ही परिश्रम करते रहिए और सतत आगे बढ़ते रहिए।

सभी विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि, विद्यालय के प्राचार्य महोदय एवं शैक्षणिक प्रभारी ने प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि प्रतिस्पर्धा जीवन का एक बुनियादी पहलू है, और शिक्षा में इसका विशेष महत्व है।स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बच्चों को अच्छा करने के लिए एक मजबूत प्रोत्साहन देती है। जीतने या साथियों से बेहतर प्रदर्शन करने की इच्छा छात्रों के लिए अध्ययन करने और उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रेरक हो सकती है।प्रतियोगिता समय प्रबंधन, लक्ष्य निर्धारण, आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान सहित महत्वपूर्ण जीवन कौशल के विकास को प्रोत्साहित करती है। ये क्षमताएँ तब और निखरती हैं जब विद्यार्थी अपनी सीमाओं से आगे निकलने का प्रयास करते हैं।वास्तविक दुनिया चुनौतियों और प्रतिस्पर्धाओं से भरी हुई है, कॉलेज में दाखिले से लेकर नौकरी के लिए इंटरव्यू तक। स्कूल में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का अनुभव छात्रों को इन वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों के लिए तैयार करता है।

हम किसी भी क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा अवश्य करें,पर वह प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए।हमें अर्जुन के तीर के निशाने की तरह केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।हमेशा पॉजिटिव रहें,पॉजिटिव सोचें,पॉजिटिव करें।विद्यार्थी जीवन में सफलता का बहुत महत्व है क्योंकि यह भविष्य की नींव बनाता है, करियर के लिए तैयार करता है, और जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है। बढ़ी हुई शैक्षणिक सफलता छात्रों की खुशी और कल्याण से जुड़ी हुई है । सकारात्मक परिणामों को बढ़ावा देने से छात्र अपनी पढ़ाई के दौरान खुश रहते हैं ।