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5 चिता पर 11 शव, पूरा गांव रोया:भीषण सड़क हादसे ने 15 लोगों के परिवार से छीन लिए 10 सदस्य, ड्राइवर भी नहीं बचा

छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बुधवार को हुए भीषण सड़क हादसे में लगभग पूरा परिवार खत्म हो गया। हादसे ने 15 लोगों के परिवार में से 10 लोगों को छीन लिया। इसके अलावा बोलेरो ड्राइवर की भी मौत हो गई। गुरुवार को सभी 11 लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। सड़क हादसे में मारे गए सभी लोग धमतरी जिले के सोरम गांव के रहने वाले थे। इस समय यहां पूरा गांव मौजूद था और किसी के आंखों के आंसू नहीं रुक रहे थे।

परिवार में बचे एक बेटे राहुल साहू की पत्नी, दोनों बच्चे, माता-पिता, चाची, चचेरे भाई-बहन और बड़े भाई का परिवार खत्म हो गया। बालोद जिले के गुरूर में सभी शवों का पोस्टमॉर्टम होने के बाद गुरुवार दोपहर 1 बजे उन्हें गृहग्राम धमतरी जिले के सोरम (रुद्री थाना क्षेत्र) लाया गया। यहां गांव के रंगमंच पर सभी शवों को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।

इसके बाद शवों को अंतिम संस्कार के लिए शांति घाट ले जाया गया। यहां 5 चिताएं बनाई गई थीं, जिसमें 11 शवों को अग्नि दी गई। पति-पत्नी और बच्चों के शव एक ही चिता पर जलाए गए।

15 लोगों के परिवार में बचे सिर्फ 5 सदस्य

इस हादसे में 15 सदस्यों के परिवार में से केवल 10 लोग ही जिंदा बचे हैं। शादी समारोह में शामिल होने के लिए परिवार के मुखिया धरमराज साहू (55 वर्ष), उनकी पत्नी ऊषा साहू (52 वर्ष), इनके बेटे-बहू केशव साहू (34 वर्ष), टोमिन साहू (33 वर्ष), दूसरे बेटे राहुल की बहू संध्या साहू (24 वर्ष), राहुल और संध्या के दोनों बेटे योग्यांश साहू (3 वर्ष), ईशान साहू (डेढ़ वर्ष), धरमराज साहू के भाई की पत्नी लक्ष्मी साहू (45 वर्ष), उसका बेटा शैलेंद्र साहू (22 वर्ष), बेटी रमा साहू (20 वर्ष) की मौत हो गई। परिवार के 10 सदस्यों के अलावा ड्राइवर टामेश ध्रुव की भी सड़क हादसे में जान चली गई।

धरमराज साहू और उनकी पत्नी की मौत हुई। इधर केशव साहू का पूरा परिवार भी खत्म हो गया। उसकी पत्नी टोमिन की मौत हुई। इनके कोई बच्चे नहीं थे। संध्या साहू और उसके दोनों बेटों की मौत हो गई, केवल पति राहुल की जान इसलिए बच गई, क्योंकि वो शादी में शामिल होने के लिए नहीं गया था। वहीं केशव की चाची का पूरा परिवार खत्म हो गया। मृतक केशव के चाचा की मौत काफी पहले ही हो चुकी थी। परिवार में केवल चाची लक्ष्मी और चचेरे भाई-बहन शैलेंद्र और रमा बचे थे। हादसे में इन तीनों की भी मौत हो गई।

गांववालों की आंखें हो गईं नम

इधर 11 चिताओं को देख गांववालों की आंखें भी भर आईं। बच गए बेटे राहुल और अनूप के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अंतिम संस्कार के लिए 5 चिताएं बनाई गई थीं। एक चिता पर केशव और टोमिन, दूसरी चिता पर संध्या और उसके दोनों बेटे योग्यांश और ईशान, तीसरी चिता पर धरमराज साहू और उनकी पत्नी ऊषा साहू, चौथी चिता पर केशव की चाची लक्ष्मी और उनके दोनों बच्चे शैलेंद्र और रमा और पांचवीं चिता पर ड्राइवर टामेश ध्रुव को अग्नि दी गई।

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