Chhattisgarh

सासंद प्रतिनिधि मसीह ने एसडीएम को लिखा पत्र,पुलिस बल का उपयोग कर जबरदस्ती सर्वे करना अनैतिक और असंवैधानिक

सासंद प्रतिनिधि मसीह ने एसडीएम को लिखा पत्र,पुलिस बल का उपयोग कर जबरदस्ती सर्वे करना अनैतिक और असंवैधानिक

 

स.ई. सी. एल. दीपका परियोजना विस्तार हेतु अधिग्रहीत ग्राम हरदी बाजार में भूमि एवं भूमि पर स्थित परिसंपत्तियों का सर्वे किया जाना है जिसमें ग्राम वासियों को विभिन्न स्तर पर आपत्ति है एवं इस संबंध में बीते दिनों अनुविभागीय दंडाधिकारी पाली की अध्यक्षा में प्रशासन , एस ई सी एल एवं भूविस्थापितों के बीच त्रि पक्षीय वार्ता हुई थी । जिसमें भूविस्थापितों ने स्पष्ट रूप से कहा था कि जब उनकी आपत्तियों का संज्ञान प्रशासन नहीं लेता एवं उन आपत्तियों का समाधान एस ई सी एल नहीं निकालता तब तक सर्वे नहीं करने दिया जाएगा ।

अब पाली एस डी एम के आदेश ने क्षेत्र में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है । जिसमें पाली एस डी एम ने पिछले शनिवार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पाली को पत्र लिख कर अधिग्रहीत ग्राम हरदी बाजार में सर्वे के दौरान अतिरिक्त पुरुष एवं महिला बल उपलब्ध करवाने को कहा है । इस पत्र के बाद से क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश है ।

अब सांसद प्रतिनिधि एवं युवा कांग्रेसी नेता शेत मसीह ने पाली एस डी एम को पत्र लिखकर इस तानाशाही पूर्ण आदेश को निरस्त करने की मांग की है । उन्होंने लिखा कि
एस.ई.सी.एल. के प्रभावित ग्रामवासी एवं भू-विस्थापित पूर्व से ही पर्यावरण प्रदूषण , लंबित रोजगार, मुआवजा , बसाहट आदि मुद्दों पर संघर्ष कर रहे हैं एवं अपने हक – अधिकार की लडाई लड रहे हैं ऐसे में क्षेत्र में सर्वे के दौरान अतिरिक्त पुलिस बल की उपस्थिति पूरे भूविस्थापित आंदोलन को कमजोर करेगी एवं यह कदम ग्रामीणों के हृदय में शासन प्रशासन के प्रति नाराजगी का जनक साबित होगा । उन्होंने एसडीएम पाली को तत्काल इस आदेश को वापस लेने का निवेदन किया है ।
सांसद प्रतिनिधि शेत मसीह ने कहा कि भाजपा सरकार की विष्णुदेव सरकार बनने के बाद से ही एस ई सी एल खदान क्षेत्र में भूविस्थापित एवं ठेका कर्मचारी अपने हक अधिकार से वंचित कर दिए गए हैं . शासन–प्रशासन द्वारा बल प्रयोग कर खदान प्रभावितों के अधिकारों का दमन किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि खदानों में विरोध प्रदर्शन करने वाले जन प्रतिनिधियों के खिलाफ आपराधिक मामले बनाकर शिकायत करना , मजदूरों एवं भूविस्थिपतों का शोषण करना , निजी कंपनियों का इस्तेमाल कर गांव घर खाली करने तोड़ने के लिए दबाव बनाना इस सरकार के आने के बाद से आम बात हो गई है ।