शांतिकुंज हरिद्वार से वापस लौटे छत्तीसगढ़ वि.स. उपाध्यक्ष संतराम नेताम।*
शांतिकुंज हरिद्वार से वापस लौटे छत्तीसगढ़ वि.स. उपाध्यक्ष संतराम नेताम।*
*शांतिकुंज हरिद्वार से वापस लौटे छत्तीसगढ़ वि.स. उपाध्यक्ष संतराम नेताम।*
*तीर्थ दर्शन से अंतर्मन को मिलता है शांति और सुकून-संतराम नेताम।*
*कोंडागांव -विधायक संतराम नेताम के शांतिकुंज हरिद्वार के प्रवास जाने के बाद तीर्थ दर्शन लाभ लेने के बाद रायपुर एयरपोर्ट में परिवार के सदस्यों ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया । विधानसभा उपाध्याय एवं केशकाल विधायक संतराम नेताम ने बताया की तीर्थ दर्शन के उद्देश्य को लेकर उन्होंने ने प्रथम बार शांतिकुंज हरिद्वार पहुँचे थे और वहाँ जाकर के जो दिव्य अनुभूति हुई उसके बारे कह पाना कठिन है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के द्वारा स्थापित शांतिकुंज ऋषि प्रणीत एक दिव्य आश्रम है जो मानव में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण का संकल्प लेकर चलने वाली इस संस्था को मैंने बारीकी से देखा समझा और जाना कि यह विश्व का पहला आश्रम होगा जो मानव निर्माण के लिए कृत संकल्पित संस्था जो हर दिन हर पल मानव को देवता बनाने के लिए प्रयत्नरत है। शांतिकुंज पहुंचकर सर्व प्रथम परम पूज्य गुरुदेव एवं माता भगवती देवी के समाधि स्थल में प्रणाम कर छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि की कामना किया। फिर शाम को देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पंड्या से मुलाकात कर उनका मार्गदर्शन प्राप्त किया।
शांतिकुंज हरिद्वार से वापस लौटे छत्तीसगढ़ वि.स. उपाध्यक्ष संतराम नेताम।*
दूसरे दिन अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं वेदमाता ट्रस्ट शांतिकुंज हरिद्वार के प्रमुख शैल बाला पंड्या का आशीर्वाद लेकर परम पूज्य गुरुदेव द्वारा 1926से प्रज्वलित अखंड दीप का दर्शन किया गायत्री यज्ञ में शामिल होकर सबका मंगल मय जीवन की कामना किया वहाँ की निःशुल्क भोजन व्यवस्था और आवास व्यवस्था अनुकरणीय है यहाँ का व्यवस्था तंत्र मजबूत है इतनी सारी व्यवस्था प्रशासन भी नहीं कर सकता ऐसा लगता है ये सब कार्य ईश्वर के द्वारा संचालित हो रहीं है और आने वाला दिन ही गायत्री परिवार एक विशाल देव परिवार के रूप में जाना जायेगा। अपनी अलग शैली के लिए मशहूर संतराम नेताम साधारण जीवन जीते हुए अपने मित्रों के साथ हरिद्वार भ्रमण के दौरान ऑटो से यात्रा करते दिखे। संतराम नेताम ने बताया की हरिद्वार आने पर मन को सुकून मिलता है नई ऊर्जा का संचार होता है। हरिद्वार में स्थित शांतिकुंज एक ऐसा आश्रम है जहां ना केवल आप अपनी जड़ों से जुड़े रह सकते हैं, बल्कि जीवन की नई शैली, तमाम अच्छी आदतें और आत्मिकता भी महसूस कर सकते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में सुकून की तलाश में मैं भी जब शांतिकुंज आश्रम पहुंचा तो वाकई खुशी महसूस हुई।
शांतिकुंज हरिद्वार से वापस लौटे छत्तीसगढ़ वि.स. उपाध्यक्ष संतराम नेताम।*
गायत्री मंत्र के जाप से लोगों का जीवन बदल जाता है। करुणा और अच्छी सोच मानव जीवन की मूल भावनाएं हैं समझदारी,ईमानदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी को जीवन का अभिन्न अंग माना जाना चाहिए। शांतिकुंज में हर दिन साधको के द्वारा लाखों करोड़ों गायत्री मंत्र का जाप करके एक दिव्य वातावरण बनाया गया है यह व्यक्ति को ऊर्जा और चेतना प्रदान करता है तथा व्यक्ति में आनंद और उत्साह बढ़ता है।शांतिकुंज प्रवास में गायत्री परिवार के प्रमुख कार्यकर्त्ता राजेश साहू, शोभन मरकाम सहित, मनोज तिवारी, नरेंद्र जैन, कमलेश ठाकुर, पंकज नाग, दुलेश्वर साहू तीर्थ दर्शन का लाभ विधायक के साथ लिए और शांतिकुंज में हरीश नेताम, पुन्नू मरकाम, चमन मरकाम का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।