
रायपुर: पहले लाेग पापा को कहते थे कि, लड़की है छोटे कपड़े पहनकर तैरेगी तो आपको अच्छा लगेगा क्या? लेकिन घरवालों ने लोगों की बातों की परवाह ना करते हुए मुझे स्वीमर बनने के लिए प्रेरित किया और मेरा पूरा साथ दिया। आज इस मुकाम पर हूं कि अब लाग मुझे शाबाशी देते हैं। 15 वर्षीय छोटी बिटिया चन्द्रकला ओझा अपने नाम बड़ा रिकार्ड दर्ज कराने जा रही हैं। आगामी 9 अप्रैल को लगातार आठ घंटे तैरकर चन्द्रकला अपना नाम गोल्डन बुक आफ विश्व रिकार्ड में दर्ज करेगी। तैराकी में अब तक चन्द्रकला ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। चन्द्रकला बताती हैं कि विश्व रिकार्ड को पूरा करने के लिए उनकी तैयारी पूरी है।
दुर्ग जिले के खेल गांव के नाम से प्रसिद्ध पुरई गांव की चन्द्रकला बताती हैं कि उनके बड़े परिवार में उनके 20 से अधिक भाई-बहन स्वीमर हैं। उन्हीं को देखकर मैंने भी स्वीमर बनने का मन बनाया। तब मेरी उम्र छह वर्ष थी। परिवार में चाचा ओम ओझा स्वीमिंग ट्रेनर हैं। उन्होंने ही तैराकी की विधा सिखाई। शुरू में दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकन अभ्यास करते करते बेहतर होती गई। मैंने अपनी पूरी ट्रेनिंग गांव के तालाब में ही की है।
चन्द्रकला ने बताया कि लगातार आठ घंटे तैरकर विश्व रिकार्ड बनाने का ख्याल अपने गांव के ही लड़के को देखकर आया। ईश्वर ने लगातार छह घंटे तालाब में तैरकर गाेल्डन बुक आफ विश्व रिकार्ड में अपना नाम दर्ज कराया। उसी को देख चन्द्रकला के सर जुनून चढ़ बया कि मुझे भी कुछ बड़ा करना है। अपने कोच और और गाेल्डन बुक आफ विश्व रिकार्ड के अधिकारियों से चर्चा कर लगातार आठ घंटे तैरकर रिकार्ड बनाने का तय हुआ। जिसके बाद उन्होंने उस तरीके से तैयारी शुरू कर दी।
ओलंपिक में तैराकी में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चन्द्रकला का चयन वर्ष 2019 में हुआ था। गांधीनगर, गुजरात में चन्द्रकला ओलंपिक की तैयारी में लगी हुई थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के रूप में उनके सामने विपत्ती आन पड़ी। देश में लाकडाउन लगने के चन्द्रकला को वापस घर लौटना पड़ा। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने गांव के तालाब में तैयारी जारी रखी। चन्द्रकला ओपन स्टेट जूनियर तैराकी चैंपियनशिप में तीन गोल्ड और तीन सिल्वर, भुवनेश्वर में आयोजित नेशनल तैराकी चैंपियनशिप का हिस्सा बनी, स्कूल स्टेट चैंपियनशिप में तीन गोल्ड मेडल जीते है। चन्द्रकला तैराकी में सबसे ज्यादा मुश्किल कहे जाने वाले बटरफ्लाई स्वीमर है।