मुंगेली : शिकारी के जाल में फंस कर बायसन की मौत….उच्चाधिकारियों को 4 दिनों तक कानों कान खबर नही….बड़ा सवाल कैसे होगी जंगलों की सुरक्षा
मुंगेली। वनमंडल के अफसर वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर कितने संजीदा हैं, इसकी ताजा बानगी परसवारा के जंगलों में देखने को मिली है। जहां शिकारियों के द्वारा बिछाए गए जाल में फस कर वन भैंसे की मौत हो गई, जिसकी जानकारी 4 दिन बीतने के बाद भी डीएफओ को नहीं लगी। बताया जाता है कि फील्ड के वनकर्मियों की इसकी जानकारी थी मगर उन्होंने डीएफओ से इस बात को छुपा दिया।
मिली जानकारी के अनुसार लोरमी वन परिक्षेत्र के परसवारा के जंगलों में 5 मार्च को शिकारियों के द्वारा बिछाए जाल में फंस कर 1 वनभैंसे की मौत हुई थी। परसवारा जंगल के कक्ष क्रमांक 1535 पीएफ के जंगल में मार्च को वन भैंसे की लाश सड़ी गली अवस्था में मिली। बताया जाता है कि घटना 5 मार्च की है पर फील्ड में तैनात वनकर्मियों ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को नहीं दी। कल 9 मार्च को घटना की जानकारी डीएफओ शमा फारुकी को मिली। जिस पर उन्होंने घटना की विभागीय जांच करवाने वह दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।
परसवारा गांव के सरपंच सलीम खान वन अमले पर आरोप लगाते हुए बताया कि वन कर्मियों ने मृत वनभैंसे के शव को चुपचाप ठिकाने लगाने का प्रयास किया था। पर तब तक उसकी बदबू गांव वालों को तक फैल गई थी। पशु चिकित्सक प्रमोद नामदेव के अनुसार प्रथम दृष्टया बिजली तार के करंट की चपेट में आने से 1 वनभैंसे की मौत हुई है, पुष्टि के लिए इसका नमूना जांच के लिए भेजा जा रहा है।
जंगल में वन्यजीव की करंट लगाकर हत्या और उसके कई दिनों बाद तक के उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी ना लग पाना वन अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाला साबित हो रहा है। सवाल यह उठता है कि जिन अफसरों को सरकार ने जंगलों व वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तैनात कर रखा है, उन्हें घटना के 4 दिनों बाद तक जब वन्यजीव के मौत की खबर तक नहीं लग पाती या उनके अधीनस्थों उन्हें अंधेरे में रखते हैं तो कैसे वे जंगलों की सुरक्षा करेंगे। जंगली वन भैंसे की मौत के मामले में एसडीओ मानवेंद्र सिंह के अनुसार शिकारियों के द्वारा होली के समय लगाए करंट तार की चपेट में आने से प्रथम दृष्टया मौत की जानकारी उन्हें कल ही मिली है। जांच के बाद जिम्मेदारी तय कर कार्यवाही की बात उन्होंने मीडिया के साथ ही है।