प्रभु जगन्नाथ श्रीगोंचा महापर्व रथ परिक्रमा विधि विधान हर्षोल्लास के साथ संपन्न..

 

जगदलपुर inn24..श्रीगोंचा महापर्व पर भगवान जगन्नाथ बलभद्र और माता सुभद्रा को रथारुढ़ कर गोल बाजार की परिक्रमा कराया गया, बड़ी संख्या में इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।

पूरे बस्तर जिले से लोग इस रथयात्रा को देखने पहुंचे,
360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज द्वारा पूरे विधि-विधान रीति रिवाज के साथ पूजा अर्चना कर कार्यक्रम को संपन्न कराया ।

इस दौरान जनसैलाब मंदिर परिसर सहित गोल बाजार क्षेत्र में उमड़ पड़ा था. नर्तकों का दल हरि बोल नारों के साथ जय घोष करता हुआ रथ  परिक्रमा स्थल पर चारों ओर नृत्य गायन करता रहा, जिससे वातावरण पूरी तरह भक्तिमय  रहा.।

इस दौरान बस्तर महाराजा कमल चंद्र भंजदेव ने रथ सहित भगवान की पूजा अर्चना की, और रथ को खींचा.उनके साथ भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने भी भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा और परिक्रमा पूर्ण कराई.
रथ यात्रा परिक्रमा के पश्चात भगवान जगन्नाथ बलभद्र एवं माता सुभद्रा 9 दिनों तक सिरासार जनकपुर में विराजित होंगें वहीं भक्तों को भगवान के दर्शन लाभ प्राप्त होंगे..
पौराणिक मान्यता अनुसार कहा गया है कि है कि प्रभु जगन्नाथ श्रीमंदिर से निकल कर वर्ष में एक बार अपनी मौसी मां के यहां भ्रमण को जाते हैं, जिसे रथ यात्रा के दौरान 9 दिन के विश्राम को मौसी के यहां विश्राम कहा जाता है..जिसका प्रतिरूप सिरासार को
जनकपुरी बनाया गया है..

 

गौरतलब है कि बस्तर गोंचा का यह पूरा कार्यक्रम जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर किया जाता है..

बस्तर के गोंचा पर्व में जो खास बात है और जो पूरे विश्व में अपने आप में अनोखा अनूठा है वो है यहां का एक परंपरागत तुपकी जिसे एक बांस की नली में मलकांगनी के बीज डालकर चलाया जाता है जिससे एक विशेष प्रकार की ध्वनि फटाके की तरह निकलती है जिसे भगवान जगन्नाथ को सलामी के तौर पर समर्पित किया जाता है

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