Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के निजी विश्वविद्यालयों को करारा झटका.. नहीं मिलेगी मेडिकल कोर्सेस चलाने की अनुमति

छत्तीसगढ़ के निजी विश्वविद्यालयों को करारा झटका देते हुए राज्य की मेडिकल यूनिवर्सिटी ने उन्हें मेडिकल कोर्सेस चलाने की अनुमति देने से साफ इनकार कर दिया है। छत्तीसगढ़ स्वास्थ विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट बोर्ड की आपात बैठक बुलाकर इस प्रस्ताव को रद्द कर दिया। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की तर्ज पर यहां भी मेडिकल कोर्स चलाने के निजी विश्वविद्यालों के मंसूबों पर फुल स्टॉप लगा दिया।

मध्यप्रदेश को छोड़, देश के किसी भी राज्य में मेडिकल कोर्स चलाने का अधिकार निजी विश्वविदायलय को नहीं दिया गया है. ऐसा इसलिए, ताकि मेडिकल पढ़ाई की गुणवत्ता और एकरूपता बरकरार रहे। हां., यूजीसी से मान्यता प्राप्त डीम्ड यूनिवर्सिटी को मेडिकल कोर्स चलाने की छूट जरूर दी गई है. लेकिन इकलौते मध्यप्रदेश का उदाहरण देकर छत्तीसगढ़ की प्राइवेट यूनिवर्सिटी मेडिकल कोर्स चलाने की अनुमति हासिल करने के लिए जी जान से लगे हैं

इसकी शुरूआत निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के एक प्रस्ताव से हुई.. फिर राज्य के उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले साल गजट प्रकाशन करा दिया कि राज्य की मेडिकल यूनिवर्सिटी की अनुमति से प्राइवेट यूनिवर्सिटी मेडिकल कोर्स चला सकेंगी. लेकिन राज्य का स्वास्थ विज्ञान एवं आयुष विश्वविद्यालय किसी भी सूरत में अनुमति देने को तैयार नहीं है. लगातार बढ़ते दवाब के बीच मेडिकल विश्वविद्यालय ने मैनेजमेंट बोर्ड की आपात बैठक बुलाई और सर्वसम्मति से अपने एक्ट में संशोधन कर निजी विश्वविद्याल को इसी अनुमति देने से इनकार कर दिया.

दरअसल, एमबीए, बीबीए, इंजीनियरिंग, बीएड, फार्मेसी की लहर खत्म होने के बाद प्राइवेट विश्वविद्यालय छात्रों के लिए तरसने लगे हैं. ऐसे में नर्सिंग, फिजियोथेरेपी, योगा, आयुर्वेद, होमियोपैथी, रिनल ट्रांसप्लांट जैसे मेडिकल कोर्सेस से कमाई की भरपूर संभावना नजर आ रही है. कुछ प्राइवेट यूनिवर्सिटी इसकी कोशिश भी कर चुके हैं, जिसे आयुष विश्वविद्यायल ने सख्ती से मना कर दिया. इसके बावजूद, दो निजी विश्वविद्यायल योगा में एमएससी की पढ़ाई करवा रहे हैं. जाहिर है कि यह भी एक तरह से गैर कानूनी है और इस पर भी टकराव होना तय माना जा रहा है।

PRITI SINGH

Editor and Author with 5 Years Experience in INN24 News.

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