Chhattisgarh

के.वी. कुसमुंडा, के.वी. सीआरपीएफ अहमदाबाद और के. वी. सैक अहमदाबाद के बीच एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत राज्य आभासी कार्यक्रम का हुआ आयोजन

के.वी. कुसमुंडा, के.वी. सीआरपीएफ अहमदाबाद और के. वी. सैक अहमदाबाद के बीच एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत राज्य आभासी कार्यक्रम का हुआ आयोजन..

के.वी कुसमुंडा, के.वी . सीआरपीएफ अहमदाबाद और के.वी .सेक अहमदाबाद के बीच आभासी राज्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान हुआ। इसके अंतर्गत प्राचार्य के योगेश गुप्ता, प्राचार्य डॉ ममता सिंह एवं प्राचार्य मोहन चंद्र सत्यबली शामिल हुए | कार्यक्रम के प्रारंभ में योगेश गुप्ता के., वी . कुसमुंडा ने सभी का स्वागत किया एवं स्वागत भाषण के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किया और कहा कि यह कार्यक्रम एक भारत श्रेष्ठ भारत के अंतर्गत अपनी पहचान बना चुका है। जिसमें विभिन्न राज्यों की संस्कृति के बारे में हम जानते हैं। इस कार्यक्रम के अंतर्गत कुसमुंडा के छात्र छात्राओं ने छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं राज्य की जानकारी दी | इसी तरह सीआरपीएफ अहमदाबाद के विद्यार्थियों ने गुजरात की संस्कृति और खान-पान के बारे में बताया यह प्रोग्राम बहुत ही ज्यादा रोचक रहा जिसके अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय सेक अहमदाबाद के विद्यार्थियों ने कुसमुंडा के छात्र-छात्राओं से विभिन्न प्रश्नों के माध्यम से छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को जानने का प्रयास किया | विद्यालय के विद्यार्थियों ने राउत नाचा की बोली कही | केंद्रीय विद्यालय सीआरपीएफ गुजरात के बच्चों ने भाषा संगम के माध्यम से गुजराती और छत्तीसगढ़ी भाषा का परिचय प्राप्त किया एवं नृत्य की प्रस्तुति कर सबका मन मोह लिया इस कड़ी में के. वि. सेक के प्राचार्य मोहन चंद्र सत्यबली ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें विद्यार्थी एवं शिक्षक सभी एक दूसरे की संस्कृति से परिचित होते हैं छत्तीसगढ़ को कभी धान का कटोरा कहा जाता था और वहां का पर्यटन स्थल और बस्तर जैसा संभाग जो वन संपदा से भरा पड़ा हुआ है यह एक दर्शनीय जगह है कार्यक्रम के अंत में सीआरपीएफ की प्राचार्या डॉक्टर ममता सिंह ने सबका धन्यवाद अदा किया और कहा कि बहुत कम समय पर भी बहुत अच्छा प्रोग्राम हम प्रस्तुत कर सकते हैं क्योंकि केंद्रीय विद्यालय में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है और यह सर्वांगीण विकास ही हर परिस्थिति और हर क्षेत्र में हमें आगे बढ़ाने की प्रेरणा देता है इस कार्यक्रम का मार्गदर्शन हमें अपने उच्च अधिकारियों के द्वारा भी मिलता रहता है जिसके कारण हम अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं कार्यक्रम का संचालन श्री विकास कुमार के द्वारा किया गया एवं आभासी कार्यक्रम की व्यवस्था करने में कुमारी कविता यादव एवं कुमारी मुस्कान सोनी का योगदान रहा | कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री अनुपम कुमार शर्मा और डॉ मोना अली एवं सभी शिक्षक शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा।

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