Chhattisgarh

कारों में इनबिल्ट होगा खास एक्सीडेंट अलर्ट सिस्टम, दुर्घटना के बाद 10 सेंकेड में पुलिस-परिजनों को सूचना भेजेगा रक्षक

अब भारत में बिकने वाली कारों में एक खास एक्सीडेंट अलर्ट सिस्टम इनबिल्ट होगा, जिससे दुर्घटना की स्थिति में सूचना महज 10 सेकेंड में ड्राइव कर रहे व्यक्ति के परिजन, दोस्त और पुलिस को मिल जाएगी। यह सिस्टम यहां तक बता देगा कि कार पलटी है, आग लगी है या फिर उसकी टक्कर हुई है। इस हाईटेक सिस्टम का नाम रखा गया है रक्षक। इसे भिलाई के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स ने तैयार किया है। इस खास सिस्टम को कार निर्माता कंपनी निसान रिनाल्ट सबसे पहले अपनी कारों में लगाएगी।

प्रोजेक्ट के लिए निशान रिनाल्ट और आईआईटी मद्रास ने 10 लाख रुपये की मदद की है। यह सभी स्टूडेंट्स रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज (आर-1) में कंप्यूटर साइंस और एआई प्रथम सेमेस्टर के हैं, जिन्होंने महज तीन महीने में ही डिवाइस तैयार कर दिया। इन स्टूडेंट्स के नए सिस्टम को देशभर के वैज्ञानिक और टेक्नोक्रेट्स के बीच आईआईटी मद्रास में हुए हैंक्सीडेंस में प्रथम पुरस्कार दिया गया। साथ ही आईआईटी और कार निर्माता कंपनियों से फंडिंग की घोषणा भी हो गई। इस दौरान कार निर्माता निसान के चेसिस इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर मैनेजर परमशिवम सुंदरेशन ने टीम रक्षक को प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने के शुरुआती फंड जारी कर दिया है।

निसान रेनाल्ट की कारों के लिए यह सिस्टम तैयार कर दो साल में देना होगा। इसमें रूंगटा के स्टूडेंट्स के साथ निसान की आरएंडडी टीम भी एक्सपर्ट ओपेनियन देगी। इसके आगे की रिसर्च रेनाल्ट निसान टेक्नोलाजी एंड बिजनेस सेंटर की देखरेख में पूरी होगी। छत्तीसगढ़ के लिए यह पहली बार है जब स्टूडेंट्स के किसी रियल लाइफ इंप्लीमेंटेशन प्रोजेक्ट को 10 लाख रुपये की ग्रांट मिली है। इस प्रोजेक्ट को खुद आईआईटी मद्रास सुपरवाइज करेगा।

रक्षक अलर्ट सिस्टम डवलप करने वाले राज भारद्वाज, विधि मेहता, नुपूर नारायण, ऋशिता आर नायर ने बताया कि कई ऐसे एक्सीडेंट होते हैं, जिनमें तुरंत राहत पहुंचाने की जरूरत पड़ती है, लेकिन इसकी सूचना तुरंत नहीं पहुंच पाती, जिससे जान चली जाती है। इस सिस्टम में कई सेंसर्स लगे हुए हैं जो आग लगने, एक्सीडेंट, कार पानी में गिरने, कार पलटने पर एयरबैग की तरह ही तुरंत हरकत में आकर जीपीएस और जीएसएम के जरिए पहले से फीड कई नंबरों पर मैसेज और काल अलर्ट से दुर्घटना की जानकारी देंगे। जीपीएस लोकेशन बताएगा।

जीएसएम हेल्पलाइन सेंटर को मैसेज भेजेगा। इसमें जीएसएम के लिए सिम कार्ड लगा है। इस रक्षक सिस्टम के लिए विशेष ऐप तैयार किया गया है, जिसे परिजन के फोन में इंस्टॉल किया जाएगा। यूजर के फोन में भी इंस्ट्राल होगा। इस प्रोजेक्ट में डायरेक्टर इनोवेशन डा. मनोज वर्गीस, प्राचार्य डा. राकेश हिमते, डा. अजय कुशवाहा, डा. हूमा खान, प्रोफेसर रामकृष्ण राठौर और प्रदीप कुमार स्टूडेंट्स के मेंटर की भूमिका में रहे।

PRITI SINGH

Editor and Author with 5 Years Experience in INN24 News.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button