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दंतेवाड़ा नक्सली हमले में नक्सली कमांडर मंजू का हाथ, हुआ बड़ा खुलासा

दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर में हुए नक्सली ब्लास्ट मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि, नक्सली कमांडर मंजू ने आरनपुर बम विस्फोट घटना को अंजाम दिया है। इस घटना में 10 डीआरजी जवान और 1 चालक की मौत हुई थी।

वहीं, एक बार फिर माओवादियों का अमानवीय चेहरा उजागर हुआ है। अरनपुर में 1 दिन पहले हुई वारदात के बाद शहीद हुए 10 में से 2 जवानों के शव उनके गृह ग्राम न लाने का फरमान माओवादियों की ओर से जारी किया गया है। नक्सलियों ने शहीद जवान नव आरक्षक दुलगो मंडावी मारजूम के भीमापारा का रहने वाला और नव आरक्षक जोगा कवासी बड़े गादम का रहने वाला का अंतिम संस्कार गांव में न करने की चेतावनी दी है। परिजनों ने इसके बाद ऊहापोह कर अंतिम सलामी में भी शामिल नहीं हुए।

परिजनों ने दिल पर पत्थर रखकर सहृदयता दिखाते हुए गांव की पूरी आबादी को सुरक्षित रखने के लिहाज से यह तय किया है कि दंतेवाड़ा के पुलिस लाइन स्थित शांतिकुंज पुनर्वास परिसर में ही दोनों शहीद जवानों का अंतिम संस्कार कर दिया जाए, ताकि गांव वालों पर कोई विपत्ति ना आए।

नक्सलियों की ओर से शहीद जवानों के उनके गृहग्राम में अंतिम संस्कार न करने के फरमान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, नक्सलियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि उन जवानों को अपनी मिट्टी में अंतिम संस्कार रोकने की बात हो रही है। यह सरकार के सामने चुनौती है, और सरकार को इस चुनौती का सामना करना चाहिए। रायपुर से गोपनीय सैनिकों को ऑपरेशन पर भेजे जाने पर प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि, इस मामले की जांच होगी तब वास्तविक तथ्य सामने आएंगे। मगर हमने 11 छत्तीसगढ़ महतारी के बेटों को खोया है, ये अत्यंत दुखद है। ऐसी घटनाओं का पुनरावृति ना हो यह सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए।

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