खेती-किसानी

यह फसल है आपके प्राफिट की सीढ़ी मात्र 70 रुपए के खर्च में होगा सीजन में 5 लाख रुपए का मुनाफा,यहाँ जानिए खेती की सम्पूर्ण विधि 

यह फसल है आपके प्राफिट की सीढ़ी मात्र 70 रुपए के खर्च में होगा सीजन में 5 लाख रुपए का मुनाफा,यहाँ जानिए खेती की सम्पूर्ण विधि . बिहार का बांका जिला जंगली और पहाड़ी इलाकों से घिरा हुआ है. यहां बंजर भूमि बहुत अधिक मात्रा में है. इन इलाकों में खेती करना किसानों के लिए टेढ़ी खीर है. यहां के किसानों ने जीवटता का परिचय देते हुए बंजर भूमि को भी उपजाऊ बना दिया. यह पुरुष के साथ महिलाएं भी बड़े पैमाने पर कृषि कार्य से जुड़ी हुई है. खासकर आदिवासी समुदाय के लोग पूरी तरह से कृषि पर ही निर्भर है.





बांका जिले का कटोरिया प्रखंड भी जंगली और पहाड़ी इलाकों में शुमार होता है. यहां कहीं ऐसे आदिवासी समुदाय की महिलाएं हैं जो अपनी मेहनत के दम पर किसी के क्षेत्र में एक अलग पहचान बना रही है. उन्हें महिलाओं में से एक है इनाराबरण की रहने वाली मुनिया मुर्मू, जो पारंपरिक खेती को छोड़कर सब्जी की खेती करने लगी है. इससे अच्छी कमाई भी कर ले रही हैं.

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शिमला मिर्च की खेती की जनकारी 

किसान मुनिया मुर्मू ने बताया कि कि 2001 से ही कृषि कार्य कर रहे हैं. शुरुआत में पारंपरिक धान, गेहूं अरहर की खेती करते थे. लेकिन 2005 से आजीविका प्रदान से प्रशिक्षण लेकर खेती का तरीका बदल दिया. सबसे पहले 40×40 फीट में प्रधान संस्था की मदद से पॉलीहाउस का निर्माण किया. इसके बाद अलग-अलग सब्जियों की खेती करने लगे.

यह फसल है आपके प्राफिट की सीढ़ी मात्र 70 रुपए के खर्च में होगा सीजन में 5 लाख रुपए का मुनाफा,यहाँ जानिए खेती की सम्पूर्ण विधि

इस बार शिमला मिर्च की खेती कर रहे हैं और 500 पौधे लगाए हैं. उन्होंने बताया कि पॉली हाउस में पौधे लगाने के लिए सबसे पहले नर्सरी में बीज तैयार करना होता है. जिसमें 7 से 9 दिन का वक्त लगता है.उसके बाद पॉली हाउस में मेढ़ बनाया जाता है और उसपर मल्चिंग बेड बिछाया जाता है. मल्चिंग बेड पर ग्लास की मदद से 15 सेंटीमीटर की दूरी पर छेद किया जाता है. इसके बाद जैविक खाद के साथ एक-एक पौधा उस छेद में लगाया जाता है.

इस विधि से करे शिमला मिर्च की खेती 2024 

किसान मुनिया मुर्मू ने बताया कि पौधे की सिंचाई दिन में दो बार ड्रिप विधि से करते हैं. इस विधि से बूंद-बूंद पानी पौधे में जाती है. जिसमें करीबन 1000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है. शिमला मिर्च के पौधे को तैयार होने में 45 से 70 दिन का समय लग जाता है. इसके बाद इसमें फूल आना शुरू हो जाता है. फूल आने के बाद इसमें जैविक अमृत का छिड़काव किया जाता है. फसल पूरी तरह से सुरक्षित रहती है. फल आने के बाद पौधे टूटने का डर नहीं रहता है, इसलिए सभी पौधे को जुगाड़ विधि से पतली रस्सी से बांध दिया जाता है.

एक पौधे पर कितना आएगा खर्चा जाने 

किसान मुनिया मुर्मू ने बताया कि बाजार में शिमला मिर्च की जबरदस्त डिमांड है. एक पौधे से सीजन में 20 से 25 किलो शिमला मिर्च मिल जाता है. कोई एक पौधे को तैयार करने में 60 से 70 रुपए खर्च आता है. बाजार में यह 70 रुपए किलो तक में आसानी से बिक जाता है. उन्होंने बताया कि एक पौधे पर 70 रुपए खर्च कर 1500 रुपए तक की कमाई कर सकते हैं. इस बार कौन सा शिमला मिर्च के पौधे लगाए हुए हैं. इस सीजन में 5 लाख आसानी से कमाई हो जाएगी.

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