CG News: अंधकार से प्रकाश की ओर… सरेंडर नक्सलियों ने समाज की मुख्यधारा में लौटकर मनाई दीपावली

गरियाबंद : दीपावली का पर्व केवल त्योहार नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का सच्चा प्रतीक है. हर साल यह पर्व अपने साथ नई खुशियाँ और रोशनी लेकर आता है, लेकिन इस बार की दीपावली उन नक्सलियों के लिए कुछ खास था, जो हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटकर आजादी की रोशनी में यह पर्व मना रहे थे. इनमें 8 लाख की इनामी पूर्व नक्सली जानसी, जुनकी, वैजंती, मंजुला और मैना शामिल हैं.
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बीते दिनों इन दोनों के साथ कई अन्य पुरुष और महिला नक्सलियों ने भी सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़ दिया था. समाज की मुख्यधारा में लौटने के बाद इन सभी के लिए यह पहली दीपावली है. बाजार में खरीदारी करते हुए इन पूर्व नक्सलियों के चेहरे पर एक नई शुरुआत की खुशी और संतोष साफ झलक रहा था. इनमें शामिल जानसी और जुनकी आम महिलाओं की तरह गरियाबंद के बाजार में अपनी पहली आजाद दीपावली के लिए कपड़े चुनती और खरीदारी करती दिखाई दीं.
आठ लाख की इनामी नक्सली जानसी ने बताया कि 19 सालों तक नक्सलियों के साथ रहने के बाद जंगल से निकलने के बाद यह उनकी पहली आजादी की दीपावली होगी. वहीं 5 लाख की इनामी नक्सली जुनकी ने बताया कि उसने कभी दीपावली नहीं मनाई. यह उसकी पहली दीपावली है, इसके लिए वह काफी खुश है.