हर गांव में बीयर बार.. फ्री में महंगी व्हिस्की भी दिलाऊंगी.. चुनाव में महिला प्रत्याशी के अजीबोगरीब वादे
लोकसभा चुनाव के महारण के लिए प्रत्याशी अपने वादों के साथ लोगों के बीच जा रहे हैं। चुनाव में प्रत्याशियों के मुद्दे कई बार बेहद अजीब होते हैं। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां चिमूर गांव से एक निर्दलीय उम्मीदवार ने 2024 के चुनाव में ऐसा वादा किया है, जो किसी के गले नहीं उतर रहा। यहां महिला प्रत्याशी ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वे गरीब लोगों को फ्री में महंगी व्हिस्की और बीयर उपलब्ध कराएंगी। उन्होंने चुनावी नारा देते हुए कहा- जहां गांव, वहां बीयर बार।
अखिल भारतीय मानवता पार्टी की उम्मीदवार वनिता राउत “गरीब मतदाताओं” के लिए एक अजीबो-गरीब चुनावी वादा लेकर आईं। वनिता राउत ने कहा है कि अगर वह चुनाव जीतती हैं तो न केवल हर गांव में बीयर बार खोलेंगी बल्कि सांसद निधि से गरीबों को फ्री में महंगी व्हिस्की और बीयर भी उपलब्ध कराएंगी। वनिता राउत ने चुनावी नारा देते हुए कहा, “जहां गांव, वहां बीयर बार। यहीं मेरे मुद्दे हैं।”
अजीब वादे की वजह क्या है
वनिता राउत के पास अपने अजीबोगरीब चुनावी वादे को सही ठहराने अपनी वजह है। उन्होंने कहा, “गरीब लोग कड़ी मेहनत करते हैं और केवल शराब पीने में ही उन्हें सांत्वना मिलती है। लेकिन वे अच्छी क्वालिटी की व्हिस्की या बीयर नहीं खरीद सकते। उन्हें केवल देशी शराब पीने को मिलती है और उसे पीने उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। मैं चाहती हूं कि वे इंपॉर्टेंट शराब का आनंद लें”।
अधिक शराब पीने के कारण परिवार बर्बाद हो जाते हैं? सवाल पूछे जाने पर, वनिता राउत ने कहा कि यही कारण है कि वह चाहती हैं कि लोगों को अच्छी क्वालिटी की शराब खरीदने के लिए लाइसेंस मिले। उन्होंने बताया कि वयस्क होने के बाद ही लोगों को शराब पीने का लाइसेंस दिया जाना चाहिए। वह चाहती हैं कि शराब पीने से लोगों में जो अपराध बोध होता है, वह न हो।
हर गांव में बीयर बार.. फ्री में महंगी व्हिस्की भी दिलाऊंगी.. चुनाव में महिला प्रत्याशी के अजीबोगरीब वादे
2019 के चुनाव में वादे
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब वनिता राउत चुनाव लड़ रही हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नागपुर से चुनाव लड़ा था जबकि 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में चिमूर विधानसभा सीट से चुनावी ताल ठोकी थी। दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने 2019 के चुनावों के दौरान भी यही वादा किया था और उनकी जमानत जब्त हो गई थी। अजीब बात है कि वह इस बार भी इसी तरह के वादों के साथ चुनावी मैदान में उतरी हैं।