SECL कुसमुंडा प्रबंधन अब सड़क किनारे हटा रहा बेजाकब्जा, माता कर्मा विद्यालय की सेकडो फीट लंबी बाउंड्रीवॉल ढ़हाई…… इधर बिना सूचना ग्रामीण का मकान तोड़ने पर ग्रामीणों में फिर आक्रोश.. 40 वर्ष पूर्व खमरिया भूमि का अधिग्रहण पेपर दिखाने की मांग, खमरिया मैदान में धरने पर बैठे….

SECL कुसमुंडा प्रबंधन अब सड़क किनारे हटा रहा बेजाकब्जा, माता कर्मा विद्यालय की सेकडो फीट लंबी बाउंड्रीवॉल ढ़हाई…इधर बिना सूचना ग्रामीण का मकान तोड़ने पर ग्रामीणों में फिर आक्रोश..40 वर्ष पूर्व खमरिया भूमि का अधिग्रहण पेपर दिखाने की मांग,खमरिया मैदान में धरने पर बैठे….पहले देंखे वीडियो

 

कोरबा – जिले के कुसमुंडा खदान विस्तार के लिए खदान से लगे जमीनों की जरूरत पड़ रही है, इन जमीनों में कई गांवों के ग्रामीण सदियों से खेती किसानी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं, ऐसे में अपनी जमीन के बदले रोजगार मुवावजा और बसावट उनका अधिकार है, रोजगार और मुवावजा प्रकिया तो प्रबंधन कोल इंडिया के नियमावली के अनुसार सुगमता से उपलब्ध करा देती है, परंतु बसावट के लिए प्रबंधन को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है जिस वजह से खदान से लगे ग्रामीणों के विस्थापन में देरी हो रही है।  फिलहाल कुसमुंडा प्रबंधन को ग्रामीणों के विस्थापन के लिए ग्राम खमरिया में ४० वर्ष पहले अधिग्रहित की गई सेकडो एकड़ जमीन की याद आई है, जिसमें लगभग २ से ३ हजार परिवारों को बसाने के लिए जमीन समतलीकरण की कवायद चल रही है, इस समतलीकरण का विरोध शुरुवात से ही ग्राम खमरिया के ग्रामीण कर रहे हैं, प्रबंधन आश्वाशन के बूते अपना काम कर रही है। इसी कड़ी में बीते शुक्रवार को कोरबा कुसमुंडा मुख्य मार्ग के किनारे माता कर्मा विद्यालय की सेकडो फीट लंबी बाउंड्री वॉल को जेसीबी मशीन के द्वार ढहा दिया गया।

प्रबंधन का मशीन यही नहीं रुका, कुछ दूर पर खेतों के बीच बने एक ग्रामीण के मकान को भी उसकी अनुपस्थिति में ढहा दिया गया। ग्रामीण ने मीडिया में बात करते हुए बताया की बीते कई अरसे से वह यहां घर बनाकर खेती का काम करता था, बारिश के दिनों में यह रहकर खेतों की देखभाल करता था, परंतु प्रबंधन द्वारा उसे बिना किसी सूचना के उसके इस मकान को तोड़ दिया गया है। प्रबंधन द्वारा ग्रामीण के मकान को बिना किसी सूचना के तोड़े जाने पर आक्रोश व्याप्त है। इधर ग्राम खमरिया के ग्रामीण प्रतिदिन तेज धूप में भी खमरिया मैदान के किनारे बड़े से पेड़ की छांव में बैठकर शांतिपूर्वक तरीके से काम का विरोध जता रहें हैं। उनका कहना है की ४० साल बाद आज अचानक SECL प्रबंधन ७ से ८ जेसीबी मशीन लेकर आती है और हमारे खेत,बाड़ी और पेड़ो को उजाड़ने लगती है, पूछने पर प्रबंधन बताती है को ४० वर्ष पूर्व इस जमीन का अधिग्रहण किया गया था, जबकि आज दिनांक को कोई भी बुजर्ग जीवित नही है, जिस वजह हम इस अधिग्रहण की जानकारी नही है, अगर SECL कुसमुंडा प्रबंधन द्वारा हमारे गांव की जमीन अधिग्रहित की गई है तो हमें हमारी जमीन किस दिन अधिग्रहित की गई और किस किस को कितना मुवावजा दिया गया है इसकी जानकारी की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए,प्रबंधन द्वारा मनमाने ढंग से अपनी खदान सुरक्षा में तैनात त्रिपुरा रायफल के जवानों को गांव में खड़ा कर जमीन को कब्जा किया जा रहा है। इसकी शिकायत हमने माननीय जिलाधीश महोदय से लिखित में की है। ग्रामीण आगे बताते है की प्रबंधन द्वारा जैसे तैसे ग्राम खमरिया की जमीन समतलीकरण कर लिया गया है परंतु जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हम इसमें किसी प्रकार का कार्य नहीं होने देंगे।

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