जमीन रजिस्ट्री को लेकर बदले नियम, अब इन डॉक्यूमेंट्स के बिना जमीन नहीं होगी रजिस्ट्री, जानिए डिटेल्स

जमीन रजिस्ट्री को लेकर बदले नियम, अब इन डॉक्यूमेंट्स के बिना जमीन नहीं होगी रजिस्ट्री, जानिए डिटेल्स भारत सरकार की तरफ से काले धन पर लगाम लगाने के लिए और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने के लिए जमीन की खरीदारी संबंधित एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। बता दे कि अब से किसी भी जमीन या संपत्ति के रजिस्ट्री करवाने से एक महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट मांगा जाएगा। इसके बाद ही जमीन के रजिस्ट्री होगी। आईए जानते हैं इस लेख में की सरकार ने कौन से डॉक्यूमेंट की बात कही है और जमीन रजिस्ट्री के नियम (Jamin Registry Rules) में क्यों बदलाव किए गए हैं?
Land Registry Rules : जमीन रजिस्ट्री को लेकर बदल गया नियम Rules changed regarding land registry
जमीन रजिस्ट्री को लेकर सरकार की तरफ से नए-नए नियम लाया जाता है। नया नियम इसलिए लाया जाता है क्योंकि काला धन पर लगाम लगे और रियल एस्टेट सेक्टर में प्रदर्शित लाया जाए। आप सभी को बता दे की जमीन या संपत्ति के रजिस्ट्री पैन कार्ड जांच होने के बाद ही अब संभव होगी। इस नियम का मकसद बेनामी संपत्ति की पहचान करना है, टैक्स चोरी को रोकना है और हर सौदे को प्रदर्शित बनाना है। नीचे क्लिक में विस्तार पूर्वक बताया गया है की जमीन रजिस्ट्री का नया नियम क्या है? इसका क्या उद्देश्य है? यह कैसे काम करेगा इसका आम आदमी पर और रियल एस्टेट क्षेत्र पर क्या प्रभाव पड़ेगा और किन दस्तावेजों की जरूरत होगी सभी जानकारी बताई गई है।
Land Registry Rules : नया नियम क्या कहता है? What does the New Testament say?
बता दे कि भारत में कोई भी व्यक्ति जब भी जमीन, फ्लाइट या मकान कोई अन्य अचल संपत्ति खरीदना है या फिर बेचता है, तो उसे रजिस्ट्री से पहले इसका पैन कार्ड बेड तरीके से जाता है रजिस्ट्री कार्यालय को निर्देश दिया गया है कि बिना पैन कार्ड सत्यापन के कोई भी रजिस्ट्री स्वीकार नहीं किया जाएगा। यानी अब संपत्ति को लेनदेन में केवल पैन नंबर देना पर्याप्त नहीं बल्कि उसकी वैधता की भी जांच किया जाएगा।
Jamin Registry Rules : इस नियम का उद्देश्य क्या है? What is the purpose of this rule?
- काला धन पर नियंत्रण : नकद लेनदेन और फर्जी नाम से संपत्ति की खरीदारी की प्रक्रिया को रोकना।
- बेनामी संपत्ति पर लगेगी लगाम : जो लोग दूसरे के नाम पर संपत्ति या फिर जमीन खरीदने हैं उनकी पहचान करना आसान हो जाएगा।
- टैक्स चोरी पर रोक : जिन लोगों की आयकर दायर में है लेकिन वह अपनी आई छुपा कर नकद में प्रॉपर्टी खरीदने हैं उन्हें पकड़ना आसान हो जाएगा।
- डेटाबेस निर्माण : संपत्ति लेनदेन से जुड़ा हुआ जानकारी को पैन कार्ड से लिंक करके एक केंद्रीय गीत डिजिटल डेटाबेस बनाना।
जमीन रजिस्ट्री के लिए अब कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी होंगे? Which documents will now be required for land registration?
- जमीन रजिस्ट्री के लिए क्रेता और विक्रेता दोनों का पैन कार्ड अनिवार्य होगा
- पहचान और पति के प्रमाण के लिए आधार कार्ड अनिवार्य होंगे।
- मसलन खसरा नंबर, खतौनी, जमीन का नक्शा इत्यादि अनिवार्यहोंगे।
- सेल एग्रीमेंट भी अनिवार्य होगा।
- यदि पहले से टैक्स जमा कर रहे हैं तो टैक्स की स्लिप भी अपने पास रखें।
- जमीन रजिस्ट्री के दौरान खरीदार और विक्रेता दोनों का पासपोर्ट साइज फोटो अनिवार्य होगा।
देशभर में लागू होगा यह नियम This rule will be applicable across the country
बता दे कि यह नियम पूरे देश भर में लागू किया जा रहा है, और राज्यों के इस संदर्भ में निर्देश जारी किया भी जा चुका है। कई राज्य जमीन रजिस्ट्रेशन विभागों ने इसे लागू करना भी शुरू कर दिया है।
पैन कार्ड सत्यापन की प्रक्रिया को समझें Understand the process of PAN card verification
- पैन कार्ड की जांच के लिए रजिस्ट्री कार्यालय को आयकर विभाग के डेटाबेस से जोड़ा जाएगा।
- पैन से जुड़े हुए मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा इसके बाद यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि पैन कार्ड असली है या फिर नकली।
- पैन कार्ड पर लिखा हुआ नाम और जन्मतिथि की जानकारी को अन्य दस्तावेजों से भी मिलान किया जाएगा।
- अगर कोई फर्जी पैन कार्ड प्रस्तुत करता है या फिर नाम मिल नहीं खाता है तो उसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दिया जाएगा।
इन लोगों पर होगा सबसे अधिक असर These people will be most affected
- बता दे कि जो लोग सामान्य खरीदार हैं उन्हें अब सभी दस्तावेज को सही और वैद्य तरीके से रखना होगा।
- इसके अलावा रियल एस्टेट एजेंट जो फर्जी सौदा बेनामी डील करते हैं, उन पर रोक लगेगा।
- टैक्स चोरी करने वाले अब संपत्ति खरीद कर छुपाना आसान नहीं होगा।
- रजिस्ट्रेशन विभाग काम अधिक डिजिटल और तकनीकी हो जाएगा।
जमीन रजिस्ट्री के पुराने सिस्टम में क्या दिक्कत थी What was the problem with the old system of land registration
- बता दे की नगद में बड़े सौदे होते थे और टैक्स चोरी भी किया जाता था।
- एक ही व्यक्ति कई नाम से संपत्ति खरीदना था।
- फर्जी पैन या बिना पैन के रजिस्ट्री हो जाता था।
- केंद्र सरकार के पास यह डाटा नहीं होता था कि किसके नाम पर कितनी संपत्ति उपलब्ध है।