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रायपुर हत्याकांड खुलासा: वकील और पत्नी ने 25 दिन पहले रची थी किशोर पैकरा की हत्या की साजिश

रायपुर: राजधानी रायपुर के इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में हुई किशोर पैकरा हत्याकांड में पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस जघन्य हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी वकील अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा ने हत्या की साजिश 25 दिन पहले ही रच ली थी। हत्या के पीछे जमीन का सौदा, पैसे के लेन-देन और कमीशन का विवाद सामने आया है।

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हत्या के आरोप में गिरफ्तार आरोपी वकील अंकित उपाध्याय और उसकी पत्नी शिवानी शर्मा से पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उन्होंने किशोर पैकरा की जमीन को 30 लाख रुपए में बिकवाया था। इस सौदे में अंकित उपाध्याय को 2 लाख रुपए कमीशन के तौर पर मिले थे।

हत्या की यह वारदात उस समय सामने आई जब हांडीपारा निवासी और विकलांग किशोर पैकरा का शव इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित एक मकान में संदिग्ध अवस्था में पाया गया। जांच के दौरान पुलिस को कई संदेहास्पद पहलू मिले, जिसके बाद तकनीकी विश्लेषण और कॉल डिटेल्स के आधार पर आरोपियों की पहचान हुई।

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पैसों के लेन-देन से शुरू हुआ विवाद

जांच में सामने आया है कि मृतक किशोर पैकरा ने अपनी कुछ विवादित जमीनों के निपटारे और अन्य कानूनी मामलों के लिए वकील अंकित उपाध्याय की सेवाएं ली थीं। बताया गया कि एक मामले के निपटारे के लिए अंकित ने किशोर से 10 रुपए मात्र का औपचारिक शुल्क लिया था, जिससे किशोर को भरोसा हो गया था। बाद में अंकित और उसकी पत्नी ने किशोर को विभिन्न निवेश योजनाओं का झांसा देकर करीब 18 लाख रुपए अलग-अलग माध्यमों से ले लिए। जब किशोर पैकरा को पैसे की जरूरत पड़ी और उसने अंकित से रकम वापस मांगी, तो वकील और उसकी पत्नी ने दबाव में आकर उसे रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। पुलिस के अनुसार, हत्या की योजना पूर्व नियोजित और सुनियोजित थी।

प्लानिंग और हत्या की क्रूरता

बताया गया कि हत्या से पहले आरोपियों ने इंद्रप्रस्थ कॉलोनी स्थित एक मकान को विशेष रूप से इसके लिए चुना, ताकि वारदात के बाद उन्हें पकड़ा न जा सके। किशोर को किसी बहाने से वहां बुलाया गया और फिर गला दबाकर और सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिससे मामले की परतें खुलती गईं। संदिग्ध गतिविधियों और मृतक के कॉल रिकॉर्ड से जब आरोपियों की भूमिका पुख्ता हुई, तो उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

पुलिस की तत्परता और अगली कार्रवाई

रायपुर पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में उन्होंने अपना अपराध कबूल किया है। फिलहाल उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया है, और पुलिस अब मामले से जुड़े अन्य वित्तीय लेन-देन और संपत्ति के दस्तावेजों की जांच कर रही है। इस पूरे मामले ने वकालत जैसे संवेदनशील पेशे पर भी सवाल खड़े किए हैं। एक विकलांग और भरोसेमंद क्लाइंट को कानून की रक्षा करने वाले द्वारा ही मौत के घाट उतार देना न सिर्फ अमानवीय है, बल्कि सामाजिक मूल्यों पर भी प्रहार है।