कोरबा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर की शिकायत पर पीएमओ कार्यालय ने लिए संज्ञान, अवर सचिव को मिली जांच की जिम्मेदारी…
कोरबा : नियमों को ताक पर रख गलत तरीके से फिटनेस सेंटर संचालित करने दी गई अनुमति के मामले में हुई शिकायत पर पीएमओ कार्यालय, भारत सरकार, नई दिल्ली ने संज्ञान लिया है। इस मामले की जांच के लिए अवर सचिव, घनश्याम साहू, लोक शिकायत निवारण विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर को जिम्मेदारी दी है। जांच आदेश होते ही परिवहन विभाग के अधिकारियों एवं संचालकों के बीच हड़कंप मचा हुआ है।
कोरबा जिले में वाहनों के फिटनेस के लिए राज्य शासन द्वारा हैदराबाद की कंपनी रोविंग आई सिस्टम प्राइवेट लिमिटेड को 10 साल के लिए दिया है। कंपनी द्वारा शासन को गुमराह करते हुए परिवहन आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों से मिली भगत कर बगैर जमीन खरीदे ही अनुमति ली गई है। इस मामले का खुलासा होने के बाद आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र साहू ने कोरबा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर को तत्काल प्रभाव से बंद करते हुए संचालक सहित संबंधित विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर कड़ी कानूनी दंडात्मक कार्रवाई करने कलेक्टर जन चौपाल में शिकायत की है जिसकी प्रतिलिपि राज्य स्तर से लेकर पीएमओ कार्यालय तक भेजी गई थी।
आरटीआई कार्यकर्ता की शिकायत प्राप्त होते ही पीएमओ कार्यालय द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए इस मामले की जांच करने अवर सचिव, घनश्याम साहू, लोक शिकायत निवारण विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर अटल नगर को दी है। शिकायतकर्ता का कहना है कि मामले की जांच होने पर एक बड़ा पर्दाफाश हो सकता है और विभाग के अधिकारियों की मिली भगत भी उजागर हो सकती है।
कोरबा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र साहू ने कलेक्टर जनचौपाल में शिकायत करते हुए जांच की मांग की थी जिसमें उन्होंने परिवहन आयुक्त कार्यालय इंद्रावती भवन नवा रायपुर से जारी आदेश एवं संचालक द्वारा नकटीखार की भूमि खसरा नंबर 939 पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए शिकायत किया है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि बगैर भूमि खरीदी बिक्री के ही विभाग द्वारा फिटनेस सेंटर चलाने के लिए हैदराबाद की कंपनी को अनैतिक रूप से लाभ प्रदान करते की नियत से गलत तरीके से अनुमति दिया है। विभाग द्वारा जारी आदेश एवं दस्तावेज इस बात को प्रमाणित करता है।
कोरबा ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर की शिकायत पर पीएमओ कार्यालय ने लिए संज्ञान, अवर सचिव को मिली जांच की जिम्मेदारी…
इसके अलावा ग्राम नकटीखार की जिस भूमि में फिटनेस सेंटर संचालित किया जा रहा है उस भूमि पर संचालन की अनुमति मिलने और खरीदी-बिक्री के पूर्व ही नक्शा सुधार को लेकर कोरबा कलेक्टर न्यायालय में मामला दर्ज है जिसका अब तक निराकरण भी नहीं हुआ है जिसकी पुष्टि स्वयं हल्का पटवारी अनिरुद्ध राठौर द्वारा की जा रही है फिर भी जमीन की खरीदी – बिक्री कर दी गई। शायद यही वजह है की खरीदी बिक्री होने के बाद नामांतरण हेतु तहसील कार्यालय कोरबा में आवेदन लगते ही विवादित हो गया और अब भी मामला लंबित है। सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि उक्त भूमि का वाद व्यवहार न्यायालय कोरबा में भी चल रहा है।