Chhattisgarh

Pension Yojana: पेंशनरों को देय बकाया 4% महंगाई राहत का मामला 

Pension Yojana: पेंशनरों को देय बकाया 4% महंगाई राहत का मामला 

जगदलपुर inn24( रविंद्र दास )मध्य प्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49( 6 )पेंशनरों को महंगाई राहत देने के मामले में एक ऐसा रोड़ा है जिसके कारण केवल छत्तीसगढ़ के ही नही बल्कि मध्य प्रदेश के पेंशनर भी हलाकान हैं ।
इस धारा के आड़ में दोनों राज्य सरकारों द्वारा पेंशनरों का भरपूर शोषण किया जा रहा है ।
पेंशनरों के हित में इस धारा को तत्काल विलोपित किया जाना चाहिए।
उक्त विचार है भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ के संभागीय अध्यक्ष राम नारायण ताटी के जो की उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर व्यक्त किए हैं ।

Pension Yojana: पेंशनरों को देय बकाया 4% महंगाई राहत का मामला

श्री ताटी ने कहा कि ये कैसी विडंबना है की राज्य गठन के 22 वर्षों बाद भी जान बूझकर इस धारा को जीवित रखा गया है जिसके आड में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्य सरकारें बुजुर्ग पेंशनरों के पेंशन राशि पर जबरदस्त तरीके से डाका डाल रहे हैं । उक्त अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों के तहत दोनो प्रांतों की आपसी सहमति जहां राज्य सरकारों के लिए वरदान साबित हो रही है वहीं पेंशनरों के लिए अभिशाप !
नियमानुसार जब जब केंद्र सरकार पेंशनरों के महंगाई राहत में वृद्धि करती है उसी तिथि से राज्य सरकारों को भी राज्य के पेंशनरों के महंगाई राहत में वृद्धि किया जाना चाहिए जो कि नही किया जाता है ।
सहमति के आड़ में छह महीने और कभी कभी साल भर के बाद महंगाई राहत दिया जाता है । जिस तरह शिवराज सिंह चौहान ने जनवरी 2023 से 05% महंगाई राहत देने हेतु भूपेश सरकार से सहमति मांगा था किंतु भूपेश ने सहमति पत्र को सात माह तक ठंडे बस्ते में डालकर जुलाई 23 से सहमति दी जिससे मध्यप्रदेश एवम छत्तीसगढ़ के लाखों पेंशनरों को मिलने वाला करोड़ों रुपए की एरियर्स राशि को दोनो सरकारों ने डकार लिया ।
लंबे संघर्ष के बाद बाकी 4% महंगाई राहत के लिए यदि सहमति मिल रही है तो हम पेंशनरों पर सरकार कोई एहसान नहीं कर रही है । श्री ताटी ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार केंद्र द्वारा देय तिथि से महंगाई राहत स्वीकृत करते हुए बकाया राशि का शीघ्र एरियर प्रदाय करे एवम धारा 49 (6 ) को विलोपित करने के लिए दोनों राज्य सरकारें प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजें ताकि पेंशनरों को बार बार आर्थिक नुकसान उठाना न पड़े ।
मांग करने वालों में आर एन ताटी,आई सुधाकर राव , डी रामन्ना राव,नागेश,रैमन दास झाड़ी , कापेवार ,अब्दुल सत्तार ,रमापति दुबे , पी एन उरकुडे ,मोहम्मद कासिम, गुज्जा रमेश ,कसीमुद्दीन खान ,शंभूनाथ देहारी,दिवाकर द्विवेदी ,सुरेश कुमार घाटौडे,परिमल दास ,अय्यूब खान ,नीलम जग्गी ,मीता मुखर्जी ,सरोज साहू , जयमनी ठाकुर एवम राधा पामभोई शामिल हैं ।

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