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Naxali Surrender: बड़े नक्सली नेता समेत 8 ने किया आत्मसमर्पण, सुरक्षा बलों को मिली बड़ी कामयाबी

Naxali Surrender: छत्तीसगढ़ समेत देशभर में मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने पर फोर्स जुटी है। इससे डरे-घबराए नक्सली हथियार छोड़कर समाज के मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। इसी क्रम में अब संगठन में काम कर रहे बड़े नक्सली लीडर भी तेजी से सरेंडर कर रहे हैं। इस बीच, छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में तेलंगाना स्टेट कमेटी में सक्रिय दो शीर्ष माओवादी नेताओं समेत अन्य 8 नक्सलियों ने हथियार डाल दिए हैं। हालांकि, इनके समर्पण को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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मिली जानकारी के अनुसार, ये सभी नक्सली दो दिन पहले ही गुपचुप तरीके से सरेंडर हो चुके हैं और सोमवार को इसकी आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है। आत्मसमर्पण करने वालों में सबसे बड़ा नाम कोय्यादी संबय्या उर्फ आज़ाद, बीकेएसआर डिवीज़न कमेटी सचिव का है। आजाद कई दशकों से माओवादी संगठन में प्रमुख रणनीतिक भूमिका निभा रहे थे। इसके अलावा अब्बास नारायण उर्फ़ रमेश, जो तकनिकी टीम के प्रभारी ने भी सरेंडर किया है। रमेश रामागुंडम इलाके में लंबे समय से सक्रिय था। आजाद और तेलंगाना स्टेट कमेटी के प्रमुख नक्सल नेता दामोदर की बीच टकराव और अंदरूनी मतभेद भी इस सरेंडर का बड़ा कारण माना जा रहा है। आजाद मुलुगु जिले के मोद्दुलागुडेम गांव के रहने वाले हैं और स्टेट कमेटी में उनकी पकड़ काफी मजबूत थी। यदि आधिकारिक पुष्टि होती है, तो यह सरेंडर तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सक्रिय माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका माना जाएगा।

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जानकारी के अनुसार आजाद छत्तीसगढ़ और तेलंगाना इन दोनों राज्यों में सक्रिय था। इस पर 40 लाख रुपए से ज्यादा का इनाम घोषित है। आत्मसमर्पण करने वालों में बड़ा नाम कोय्यादी संबय्या उर्फ आजाद का ही है। आजाद कई दशकों से माओवादी संगठन में प्रमुख रणनीतिक भूमिका निभा रहा था। इसके अलावा, अब्बास नारायण उर्फ रमेश जो तकनीकी टीम का प्रभारी था इसने भी सरेंडर किया है। रमेश रामागुंडम इलाके में लंबे समय से सक्रिय था।दरअसल, करीब 1 महीने पहले पोलित ब्यूरो मेंबर वेणुगोपाल राव उर्फ भूपति समेत CCM रूपेश ने सरेंडर किया था। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में इनके साथ कुल 283 नक्सलियों ने एकसाथ हथियार डाले थे। जिसके बाद अब लगातार नक्सल संगठन के बड़े लीडर्स सरेंडर कर रहे हैं।