TechnologyTech

Mobile Number: +91 क्यों? जानें हर भारतीय मोबाइल नंबर की शुरुआत का रहस्य

Mobile Number: क्या आपने कभी सोचा है कि हर भारतीय मोबाइल नंबर की शुरुआत +91 से ही क्यों होती है? चाहे आपका नेटवर्क किसी भी कंपनी का हो Jio, Airtel, BSNL या Vi सभी नंबरों में यही कोड पहले दिखाई देता है. लेकिन आखिर यह +91 आया कहां से और क्यों कभी बदला नहीं, जबकि 2G से लेकर 5G तक मोबाइल टेक्नोलॉजी में जबरदस्त बदलाव आ चुके हैं? चलिए जानते हैं इस रहस्यमय कोड की पूरी कहानी.

Body Warning Signs: इग्नोर मत करें! जब शरीर दिखाए ये 3 संकेत, समझ जाएँ मदद की घड़ी है

अंतरराष्ट्रीय पहचान का कोड

दरअसल, +91 भारत का कंट्री कोड (Country Code) है. जब भी कोई विदेशी व्यक्ति भारत में कॉल करता है, तो उसे नंबर से पहले +91 लगाना जरूरी होता है. यह कोड बताता है कि कॉल भारत में जा रही है. जैसे अमेरिका के लिए +1, यूके के लिए +44 और जापान के लिए +81 कोड इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह हर देश की अपनी एक विशिष्ट पहचान होती है.

1970 के दशक में हुई थी शुरुआत

भारत को यह +91 कोड अंतरराष्ट्रीय टेलीकॉम यूनियन (ITU) द्वारा 1970 के दशक में दिया गया था. उस समय पूरी दुनिया के देशों को उनकी जनसंख्या और भौगोलिक स्थिति के आधार पर कोड आवंटित किए गए थे. एशियाई देशों को 9 से शुरू होने वाले कोड दिए गए और भारत को 91 मिला. तब से लेकर आज तक यह कोड हमारे मोबाइल नेटवर्क का हिस्सा बना हुआ है.

Palak Muchhal : पलक मुच्छल ने सुरीली आवाज़ से छेड़ा मानवता का राग, गिनीज बुक में दर्ज हुआ नाम

2G से 5G तक बदला नेटवर्क पर नहीं बदला कोड

समय के साथ भारत की मोबाइल तकनीक ने लंबी छलांग लगाई 2G के धीमे नेटवर्क से लेकर 5G की सुपरफास्ट इंटरनेट स्पीड तक. लेकिन इस सफर में +91 को कभी नहीं बदला गया क्योंकि यह न केवल भारत की पहचान है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक स्थायी और मान्य कोड भी है. इसे बदलने का मतलब होता पूरी टेलीकॉम व्यवस्था को रीसेट करना जो बेहद जटिल और खर्चीला काम है.

सिर्फ नंबर नहीं एक पहचान है

आज +91 सिर्फ एक कोड नहीं बल्कि भारत की डिजिटल पहचान बन चुका है. विदेश में जब कोई +91 से शुरू होने वाला कॉल देखता है तो तुरंत समझ जाता है कि यह भारत से है. यानी इस छोटे से कोड में पूरे देश की वैश्विक मौजूदगी छिपी है. तो अगली बार जब आप किसी नंबर में +91 देखें तो याद रखिए ये सिर्फ कुछ अंक नहीं बल्कि भारत की तकनीकी विरासत और डिजिटल पहचान का प्रतीक हैं.