
गोवा नाइटक्लब आग सिस्टम की लापरवाही
गोवा नाइटक्लब आग का यह केस सिर्फ अग्निकांड नहीं, सिस्टम की लापरवाही को भी दिखाता है. लूथरा ब्रदर्स के भागने से सवाल उठे, उन्हें सेफ्टी क्लियरेंस कैसे मिले? अफसर जिम्मेदार क्यों नहीं? लेकिन इन सब के बीच अच्छी खबर ये रही कि उन्हें भारत वापस लाने की प्रक्रिया में भारतीय एजेंसिया फेल नहीं हुईं और दोनों भाइयों का डिपोर्टेशन पक्का हो गया है.
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दिल्ली की कोर्ट मेंसामने आई लूथरा ब्रदर्स की चालाकी
दिल्ली की कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान लूथरा बंधुओं की चालाकी खुलकर सामने आ गई. जांच में पता चला कि 6 दिसंबर को गोवा के क्लब में आग लगी, जिसमें 25 लोगों की दर्दनाक मौत हुई. इसके तुरंत बाद दोनों भाइयों ने देश छोड़ने का प्लान बना लिया था. अदालत ने सौरभ और गौरव लूथरा की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ आरोप पहली नजर में बेहद गंभीर हैं. गौरव लूथरा ने अंतरिम राहत पाने के लिए अपनी मेडिकल कंडीशन का हवाला दिया था. इसमें सीजर डिसऑर्डर और हाइपरटेंशन जैसी बीमारियां शामिल थीं. हालांकि, कोर्ट ने इन दलीलों को भी सिरे से खारिज कर दिया. कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘जान को खतरा’ होने की दलील भी बेबुनियाद है. कानून से भागने वाले व्यक्ति को कोर्ट से मदद की उम्मीद नहीं करनी चाहिए.





