Bilaspur News : फर्जी डॉक्टर के कारनामे का कनेक्शन बिलासपुर के अपोलो अस्पताल से भी है। बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के हाथों हुए ऑपरेशन की वजह से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की मौत भी हुई थी। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद अब इस मामले में सियासत भी गर्म हो गई है। कांग्रेसी इस मामले में प्रदर्शन पर उतर आए हैं।
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बिलासपुर जिले के कोटा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक रहे पूर्व विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की साल 2006 में अपोलो हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। अपोलो में उनके हॉर्ट की सर्जरी फर्जी लंदन रिटर्न नरेंद्र विक्रमादित्य यादव (अब डाक्टर नरेंद्र जॉन कैम) ने ही किया था। साल 2000 से 2003 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा के पहले अध्यक्ष के रूप में काम करने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की सर्जरी और मौत का खुलासा करते हुए उनके बेटे प्रदीप शुक्ला ने बताया कि उनके पिता राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की 20 अगस्त, 2006 को अपोलो अस्पताल में हुई सर्जरी के बाद मौत हो गई थी। इस मामले के उजागर होने के बाद बिलासपुर के सीएमएचओ ने अपोलो हॉस्पिटल को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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नोटिस में संबंधित डॉक्टर के दस्तावेज तलब किए गए हैं और नियुक्ति के आधार को पूछा गया है। बता दें कि दमोह के मिशन अस्पताल में लंदन के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. एनजोन केम के नाम पर फर्जी डॉक्टर ने ढाई महीने में 15 हार्ट ऑपरेशन कर डाले। उस पर आरोप है कि दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच हुए इन ऑपरेशन में सात मरीजों की मौत हो गई। इसका खुलासा तब हुआ जब एक मरीज के परिजन ने संदेह होने पर डॉक्टर की शिकायत की। इसके बाद मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया। आयोग की टीम अभी दमोह में ही सक्रिय है।
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इस मामले में पुलिस-प्रशासन की गंभीर लापरवाही भी सामने आई है। नरेंद्र ने मिशन अस्पताल में 30 एंजियोग्राफी व 20 एंजियोप्लास्टी की थीं। इन सर्जरी के दौरान सात मरीजों की मौत हो गई। वह एक जनवरी को अस्पताल से जुड़ा और 12 फरवरी 2025 को बिना सूचना दिए फरार हो गया। जाते-जाते अस्पताल की पांच लाख की ‘एल्यूरा मशीन’ भी ले गया। खुलासे के बाद भी कलेक्टर-एसपी जांच की बात कहते रहे। हैरत की बात यह है कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी रविवार रात एक बजे की गई। क्योंकि सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम दमोह पहुंचने वाली थी। तब तक आरोपी को फरार हुए 24 दिन बीत चुके थे।