
सक्ती राज राजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु जयंती के अवसर पर तुर्री धाम स्थित सहस्त्रबाहु मंदिर में कलार समाज के पदाधिकारियों ने पूजा अर्चना किया इस अवसर पर छत्तीसगढ़ कलार महासभा के जिलाध्यक्ष गिरधर जायसवाल ने कहा कि भगवान सहस्त्रबाहु का नाम उनके जन्म से जुड़ा हुआ है त्रेता युग के प्रतापी राजा कृतवीर्य अर्जुन उनके पिता थे उनके नाम पर अर्जुन पड़ा भगवान दत्तात्रेय को प्रसन्न कर हजार भुजाओं का बरदान प्राप्त किया था इसलिए सहस्र बाहु कहलाये उनकी राजधानी महिष्मति नगरी जो वर्तमान में महेश्वर के नाम से जाना जाता है। इस भूखंड पर सैकड़ों वर्षों तक राज किया हैहयवंशी होने एवँ भगवान विष्णु के चक्र सुदर्शन के अवतार माने जाते है कलार समाज का उदभव के कारण हमारे आदि पुरूष हैं हम सभी समाज के लोग राजराजेश्वर भगवान सहस्त्रबाहु के जन्मोत्सव पर नमन करते हैं ।सयोंजक मनोज जायसवाल ने कहा कि समाज को एक सूत्र में बांधकर समाज की प्रगति एवँ विकास की ओर ले जाना हम सब का कर्तव्य है। परिक्षेत्र सक्ती के महामंत्री विजय जायसवाल ने कहा कि आने वाले 9 नवंबर को कलार समाज की राजधानी रतनपुर में समाज की ओर से भव्य सम्मेलन का आयोजन किया गया है। हम सबको इस कार्यक्रम में उत्साह पूर्वक भाग लेना है और कार्यक्रम को सफल बनाना है। जैसे अन्य समाज लोगों की सेवा समाज की सेवा में करते हैं हम भी अपने समाज अपने क्षेत्र की सेवा में काम करना चाहिए परिक्षेत्र के अध्यक्ष शिव जायसवाल ने सभी समाज के लोगों को धन्यवाद व्यापित करते हुए आने वाले दिनों में समाज को नई दिशा देने के लिए कार्यक्रम आयोजन किए जाने की बात कही शिव जायसवाल ने नेता प्रतिपक्ष दो चरण दास महन्त को कलार समाज के लिए दो-दो भवन तुर्री में एवं हरेठी में स्वीकृत करने के लिए धन्यवाद स्थापित किया इस अवसर पर हीराधार जायसवाल पूर्व अध्यक्ष लेख राम जयसवाल प्रदेश महामंत्री रामनाथ जायसवाल प्रीतम जायसवाल लीलाधर जायसवाल पूर्व सरपंच हेमंत डडसेना प्रशान्त डड़सेना सहित बड़ी संख्या में समाज के लोगों की उपस्थिति रही पुजा अर्चना के पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।





