गड्ढे में कार का टायर फटने से भयंकर सड़क हादसा, ट्रक से टकराई कार, ठेकेदार की दर्दनाक मौत

अंबिकापु : सरगुजा जिले के अंबिकापुर में रविवार देर रात एक दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। नेशनल हाईवे-43 पर बने गड्ढे ने एक युवक की जिंदगी छीन ली। कार का टायर गड्ढे में घुसने से फट गया और गाड़ी बेकाबू होकर सड़क किनारे खड़े ब्रेकडाउन ट्रक से जा टकराई। हादसे में कार चला रहे 26 वर्षीय ठेकेदार अतुल सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, कार में सवार उसके दो दोस्त बाल-बाल बच गए और उन्हें मामूली चोटें आई हैं।
हादसे का घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, मृतक अतुल सिंह गोधनपुर का रहने वाला था। रविवार रात करीब 9 बजे वह अपने दो दोस्तों के साथ एक दोस्त की बर्थडे पार्टी में शामिल होने अजब नगर की ओर जा रहा था। जैसे ही उनकी कार गांधीनगर थाना क्षेत्र के एक गैरेज के पास पहुंची, सड़क पर बने गहरे गड्ढे में कार का टायर धंस गया। गड्ढे में पानी भरा होने के कारण ड्राइवर को अंदाजा नहीं लग पाया और झटका लगते ही टायर फट गया। टायर फटने से गाड़ी
अचानक अनियंत्रित हो गई और सड़क किनारे खड़े ब्रेकडाउन ट्रक के पिछले हिस्से में जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना जबरदस्त था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। कार में एयरबैग तो खुले, लेकिन ड्राइवर साइड का एयरबैग फट गया। इस वजह से अतुल सिंह का सिर ट्रक के पीछे लगे लोहे के एंगल से टकरा गया और उनका सिर बुरी तरह फट गया।
अस्पताल ले जाते ही हुई मौत
स्थानीय लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। लेकिन डॉक्टरों ने जांच के बाद अतुल सिंह को मृत घोषित कर दिया। हादसे में घायल दोनों दोस्तों की हालत स्थिर बताई जा रही है। इस घटना के बाद गोधनपुर और आसपास के क्षेत्रों में मातम का माहौल है।
परिवार और सामाजिक पृष्ठभूमि
मृतक अतुल सिंह अपने चाचा और कांग्रेस नेता राम विनय सिंह के साथ मिलकर ठेकेदारी का काम करता था। उसने एग्रीकल्चर विषय से एमएससी की पढ़ाई की थी। उसकी शादी हो चुकी थी और एक दो साल का बेटा भी है। हादसे के समय उसकी पत्नी पटना में मायके गई हुई थी, जहां वह बच्चे के इलाज के लिए रुकी हुई थी। जैसे ही उसे हादसे की खबर मिली, वह तुरंत अंबिकापुर के लिए रवाना हो गई।
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लापरवाही बनी मौत का कारण
हादसे के बाद यह बात भी सामने आई है कि जिस ट्रक से कार टकराई, उसे गैरेज में काम करने वाले लोगों ने सड़क किनारे खड़ा कर दिया था। इस ट्रक से हादसे का यह पहला मामला नहीं था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कार की टक्कर से लगभग आधे घंटे पहले ही एक बाइक सवार भी इसी ट्रक के नीचे घुस गया था, जिससे वह घायल हो गया था। इसके अलावा एक ऑटो भी उसी ट्रक से टकरा चुका था। स्थानीय लोगों का कहना है कि नेशनल हाईवे-43 पर लंबे समय से बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं। बारिश के दिनों में इनमें पानी भर जाता है और गड्ढे दिखाई नहीं देते, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं। इसके अलावा सड़क किनारे बिना चेतावनी बोर्ड या रिफ्लेक्टर लगाए ब्रेकडाउन ट्रकों को खड़ा कर दिया जाता है, जो गंभीर दुर्घटनाओं की वजह बन रहे हैं।
पुलिस जांच और आगे की कार्रवाई
गांधीनगर थाना प्रभारी प्रदीप जायसवाल ने बताया कि हादसे की जांच की जा रही है। सड़क किनारे खड़े ब्रेकडाउन ट्रक और गैरेज संचालकों की भूमिका की भी जांच होगी। उन्होंने कहा कि मामले में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हादसों का हॉटस्पॉट बन रहा एनएच-43
नेशनल हाईवे-43 से होकर सरगुजा समेत कई जिलों का यातायात जुड़ा है। यह सड़क उत्तर प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ को जोड़ती है। लेकिन इसकी खराब हालत लगातार हादसों को न्यौता दे रही है। गड्ढों से भरी सड़क पर भारी वाहन और छोटे वाहन चालक अक्सर असंतुलन का शिकार हो जाते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी बार-बार शिकायतों के बावजूद इस सड़क की मरम्मत पर ध्यान नहीं दे रही है।
शोक में डूबा परिवार और गांव
अतुल सिंह की असमय मौत से परिवार टूट गया है। गांव के लोग उन्हें मिलनसार और मददगार बताते हैं। उनकी उम्र कम होने और छोटे बच्चे के पिता होने के कारण पूरा गांव गमगीन है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सड़क की हालत सुधारी जाती और ट्रक को उचित तरीके से हटाया जाता, तो यह हादसा टल सकता था।