गर्मी में पशुओं को हर महीने अलग-अलग प्रकार का चारा खिलाने से देगी एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध जानिए जानकारी
गर्मी में पशुओं को हर महीने अलग-अलग प्रकार का चारा खिलाने से देगी एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध जानिए जानकारी। पशुओं के लिए चारा सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. भारत में अक्सर चारे की क्वालिटी को नजरअंदाज कर दिया जाता है. साथ ही बहुत से लोगों को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है कि कौन सा चारा कब दिया जाना चाहिए.
विशेषज्ञों की मानें तो भारत में पशुओं के आहार पर कम ध्यान दिया जाता है. पशुओं को सर्वोत्तम चारा तो दिया ही जाना चाहिए, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि कौन सा चारा कब खिलाया जाना चाहिए. इन बातों का ध्यान रखकर ही उनका स्वास्थ्य बेहतर रखा जा सकता है.
गर्मी में पशुओं को हर महीने अलग-अलग प्रकार का चारा खिलाने से देगी एक दिन में 20 से 25 लीटर तक दूध जानिए जानकारी
कौन से महीने में खिलाये कौन-सा चारा जानिए
- पशुओं को जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल में बरसीम, लुसर्न, जई मेंथी, भूसा, हे, साइलेज का चारा दिया जाना चाहिए.
- मई और जून में पशुओं को लूसर्न, लोबिया भूसा और साइलेज का चारा दिया जाना चाहिए.
- जुलाई, अगस्त और सितंबर में हरी जोंदरा, हरी ज्वार और लोबिया का चारा पशुओं को खिलाया जाना चाहिए.
- अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में ज्वार, गवार, नेपियर, सूडान, भूसा का चारा उन्हें मिलना चाहिए.
गाय-भैंस के लिए लोबिया का चारा बेहद पौष्टिक है
विशेषज्ञों के मुताबिक लोबिया का इसका चारा अत्यन्त पौष्टिक होता है. इसमें 17 से 18 फीसदी तक प्रोटीन पाई जाती है. इसके अलावा इसमें कैल्शियम और फास्फोरस भी पर्याप्त मात्रा में होता है. यह अकेले अथवा गैर दलहनी फसलों जैसे ज्वार या मक्का के साथ बोई जा सकती है. वहीं, ग्वार शुष्क क्षेत्रों के लिए एक पौष्टिक एवं फलीदार चारा है. अक्सर इसे ज्वार या बाजरे के साथ मिलाकर बोया जाता है. इसमें 13 से 15 फीसदी तक प्रोटीन पाई जाती है.
दिन में कितनी बार देंना होगा पशुओं को भोजन
विशेषज्ञों के मुताबिक पशुओं को साधारणतौर पर दिन में दो बार भोजन देना चाहिए. भोजन के सही पाचन के लिए आठ से 10 घंटे के अंतराल पर भोजना देना सही रहता है. अधिक दूध देने वाली गायों को दिन में चार से पांच बार चारे के साथ दाना खिलाना चाहिए. केवल दाने की अधिक मात्रा से पशु की पाचन शक्ति बिगड़ जाती हैं. साथ ही दूध का उत्पादन भी घट जाता है. दूधारू पशुओ को दूध निकालने से पहले दाना और बाद में चारा देना चाहिए. उन्हें आहार के साथ ही साथ रोजाना खनिज मिश्रण और नमक देना चाहिए.