‘पहले आवाज धीमी करें’, कोलकाता कांड की सुनवाई के दौरान वकील पर क्यों भड़के चीफ जस्टिस
नई दिल्ली: चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को एक वकील पर भड़क गए और उससे अपनी आवाज धीमी करने को कहा। साथ ही, उन्होंने पूछा कि क्या वह कोर्ट के बाहर जजों या गैलरी को संबोधित कर रहे हैं। 3 जजों की बेंच कोलकाता के ट्रेनी डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें सीजेआई के अलावा जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं। सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके पास यह दिखाने के लिए वीडियो और फोटोज हैं कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की घटना के विरोध में वकील ने पथराव किया था। वो एडवोकेट कौस्तव बागची हैं, जो भाजपा नेता भी हैं। वह पहले कांग्रेस में थे मगर इसी साल भाजपा में शामिल हो गए।
कपिल सिब्बल के पत्थर फेंकने के आरोप पर बागची ने पलटवार किया। उन्होंने पूछा कि कोई सीनियर वकील कोर्ट में इस तरह के बयान कैसे दे सकता है? इस पर चीफ जस्टिस ने कहा, ‘क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने के प्रयास में हैं? मैं बीते 2 घंटे से आपके बर्ताव को देख रहा हूं।’ CJI ने कहा कि क्या आप सबसे पहले अपनी आवाज धीमी कर सकते हैं? चीफ जस्टिस की बात सुनिए और अपनी पिच डाउन करें। आप तीन जजों की बेंच के सामने बात कर रहे हैं। यह कोई बड़ी ऑडिएंस नहीं है, जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही देख रही हो। ये बातें सुनने के बाद वकील ने पीठ से माफी मांग ली।
‘मैं इस तरह की वकालत का आदी नहीं’
इसके कुछ समय बाद जब और भी वकीलों ने विभिन्न मुद्दों का जिक्र करना शुरू किया तो सीजेआई ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘मैं इस तरह की वकालत का आदी नहीं हूं, जहां पर एक ही समय में 7-8 लोग बहस करने लग जाएं।’ बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता कांड को लेकर सीबीआई को जांच पर 17 सितंबर तक नई रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया। एससी की बेंच ने सीलबंद लिफाफे में जमा की गई रिपोर्ट का अध्ययन किया। पीठ ने कहा, ‘CBI ने स्थिति रिपोर्ट जमा की है जिससे लगता है कि जांच प्रगति पर है।हम अगला सीबीआई को नई स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश देते हैं। हम सीबीआई को उसकी जांच पर गाइड नहीं करना चाहते।’ सीबीआ फोरेंसिक सैंपल आगे जांच के लिए एम्स भेजने का फैसला किया है।