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इंडस पब्लिक स्कूल में आयोजित किया गया आई चेकअप कैंप एवं चाइल्ड चेक अप कैंप… विशेषज्ञ डॉक्टरों ने विद्यार्थियों को दिया उचित सलाह

डॉक्टर भगवान का दूसरा स्वरूप होते हैं ।यदि हम बीमार होते हैं तो वह निस्वार्थ भाव से हमारी सेवा करते हैं -डॉ संजय गुप्ता प्राचार्य इंडस पब्लिक स्कूल दीपका।

कोरबा : नेत्र विज्ञान (ऑपथैल्मोलॉजी) चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है जो आंख की रचना, आंख के काम करने के तरीके, आंख की बीमारियां और उसकी चिकित्सा से संबंधित है। नेत्र विज्ञान मेडिकल स्कूल में पढ़ा जाता है और चिकित्सा डॉक्टरों द्वारा अभ्यास किया जाता है। नेत्र विज्ञान में दृष्टि (Vision) को प्रभावित करने वाले कारण और दृष्टि समस्याओं से लेकर नेत्र शल्य चिकित्सा तक शामिल है। नेत्र रोग विशेषज्ञ (Ophthalmologist नेत्र यानी आंखों के सभी चिकित्सीय लक्षणों का निदान और इलाज (Diagnosis and Treatment) दोनों करने के लिए योग्य होते हैं।

ज्यादातर नेत्र विज्ञान की प्रैक्टिस मरीजों की आंखों की निवारक देखभाल पर केंद्रित होता है।एक जांच इसलिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि इससे डॉक्टर आपकी आंखों में सब कुछ ठीक से काम करने के बारे में बताता है।

नियमित अंतराल में आंखों की जांच शुरुआती चेतावनी संकेत नहीं देने वाली बीमारियों का निदान करती है। इनसे एक प्रगतिशील चरण में ग्लूकोमा, मोतियाबिंद जैसी खतरनाक बीमारियों का पता लगाने में मदद मिलती है।
इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में आयोजित आई चेकअप कैम्प में छात्र-छात्राओं के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं का आयोजन किया। इस कैम्प के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों ने छात्रों की आँखों की स्वास्थ्य की जाँच की और उन्हें नेत्रगत समस्याओं की पहचान करने में मदद की।

यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो छात्रों के स्वास्थ्य की देखभाल में बदलाव लाने के लिए लिया गया है।” सती शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों में नन्हे मुन्ने बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की एवं उचित सलाह दिया। यहां आयोजन च गेवरा के सीएमओ डॉक्टर डीके झा के नेतृत्व में किया गया उनके साथ विद्यालय में आए डॉक्टरों में प्रमुख रूप से डॉ रामलाल (आई स्पेशलिस्ट), डॉक्टर सुमन यादव (चाइल्ड स्पेशलिस्ट एंड पीडियाट्रिक्स) एवं डॉक्टर अंकिता शर्मा (विशेषज्ञ डॉक्टर) के साथ ही सुश्री श्रेया सरकार उपस्थित थे।
विद्यालय में आयोजित ए एवं चाइल्ड चेक अप कैंप में बच्चों की हाइट वेट के साथ ही आंख एवं विभिन्न प्रकार की समस्याओं का गहन परीक्षण कर उचित परामर्श विशेषज्ञ डॉक्टर के माध्यम से दिया गया।

सभी उपस्थित सम्माननीय डॉक्टर को विद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता के द्वारा विद्यालय की स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।
डॉक्टर डीके झा सीएमओ गेवरा ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वास्थ्य सबसे अमूल्य धन होता है। हम सभी को अपने स्वास्थ्य के प्रति गंभीर एवं सचेत रहना चाहिए। हमें अपनी दिनचर्या में नियमित व्यायाम के साथ ही साथ संतुलित आहार को स्थान देना चाहिए। हमें प्रतिदिन योग एवं प्राणायाम के साथ अपने दिन की शुरुआत करनी चाहिए।

कोशिश करें कि हम अत्यधिक तनाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने दें ।खुशहाल जीवन हेतु एक स्वस्थ शरीर का होना अत्यंत आवश्यक है ,क्योंकि स्वास्थ्य से बड़ा धन कुछ भी नहीं है। हमारे शरीर का प्रत्येक अंग बहुत महत्वपूर्ण है। चाहे वह नाखून हो या हमारे सर का एक बाल ही क्यों ना हो। प्रत्येक का अपना-अपना महत्व है। हमें सब की सुरक्षा संरक्षण व नियमित देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि स्वास्थ्य ही सब कुछ है। यदि हम स्वस्थ रहेंगे तो हम तन वी मन दोनों से तंदुरुस्त रहेंगे।

डॉ रामलाल (आई स्पेशलिस्ट )ने कहा कि मानव नेत्र शरीर का वह अंग है जो विभिन्न उद्देश्यों से प्रकाश के प्रति क्रिया करता है। नेत्र वह इन्द्रिय है जिसकी सहायता से देखते हैं। मानव नेत्र लगभग १ करोड़ रंगों में अन्तर कर सकता है। नेत्र शरीर की प्रमुख ज्ञानेन्द्रिय हैं जिससे रूप-रंग का दर्शन होता है। हमें आंखों की देखभाल पर विशेष ध्यान देना चाहिए ।हमें टीवी को ज्यादा नजदीक से नहीं देखना चाहिए और अत्यधिक मोबाइल के प्रयोग से भी बचना चाहिए ।मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन भी हमारे आंखों के लिए खतरनाक साबित होते हैं ।हमें हमेशा अपनी आंखों को स्वच्छ जल से धोना चाहिए और आंखों पर ज्यादा जोर देकर खुजलाना नहीं चाहिए। आंखें ,ईश्वर के द्वारा दिया गया मानव को सबसे बड़ा उपहार है। इस उपहार को हमें संभाल कर व सहज कर रखना है।

डॉ सुमन यादव (चाइल्ड स्पेशलिस्ट )ने कहा कि भारत में लगभग 35लाख बच्चे आसामयिक (सही समय से पहले) जन्म लेते हैं, 15लाख बच्चे विकार लेकर पैदा होते हैं, और हर साल 10 लाख बच्‍चों को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाइयों (एसएनसीयू) से छुट्टी दी जाती है। ऐसे नवजात शिशुओं को मृत्यु, स्टंटिंग और विकास में देरी का बहुत अधिक जोखिम होता है। हमें जन्म के समय से ही बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर हो जाना चाहिए ।आखिर वह ही हमारे देश के भविष्य हैं। उनके स्वास्थ्य के प्रति किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं करना चाहिए ।उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य पर हमें विशेष ध्यान देना चाहिए ।नवजात शिशुओं को सही समय पर टीका अवश्य लगना चाहिए ।जैसे-जैसे उनकी वृद्धि होती है वैसे-वैसे उनके पोषण पर भी हमें विशेष ध्यान देना चाहिए। छोटे बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है अतः वे । मौसमी परिवर्तन से भी बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं उनके स्वास्थ्य के प्रति हमें सदा ही सचेत रहना चाहिए।

डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि डॉक्टर भगवान का दूसरा स्वरूप होते हैं ।यदि हम बीमार होते हैं तो वह निस्वार्थ भाव से हमारी सेवा करते हैं ।जहां तक विद्यालय में विभिन्न प्रकार के चेकअप से संबंधित कैंप के आयोजन की बात है तो हमारा सदा से यही प्रयास रहता है कि हमारे देश के भावी कर्णधार अर्थात विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना न करना पड़े। इसी कारण हमारे विद्यालय में स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। समय-समय पर आयोजित इस प्रकार के आयोजन से विद्यार्थियों को स्वास्थ्य से संबंधित उचित सलाह विशेषज्ञ डॉक्टर देते हैं। जिससे कि वह अपने जीवनचार्य में परिवर्तन लाकर स्वस्थ जीवन बिता सके। समय-समय पर विद्यालय में इस प्रकार के हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन किया जाता रहेगा ।जिससे कि हमारे विद्यार्थी स्वस्थ व सुरक्षित रहें।

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