
Corona के बढ़ते मामलों के बीच आई Good News, महामारी को उखाड़ फेंकेगी ये नई वैक्सीन
कोरोना वायरस की बूस्टर डोज के तौर पर अब कोवोवैक्स वैक्सीन का विकल्प भी मौजूद है. हालांकि बूस्टर डोज को लेकर लोगों में कोई विशेष दिलचस्पी नहीं दिखाई दे रही है. सिरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आज कोवैक्स वैक्सीन को cowin प्लेटफार्म पर मौजूद होने की जानकारी शेयर की है.
इस बीच भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं. केरल के बाद दिल्ली और एनसीआर में सबसे ज्यादा मामले देखे जा रहे हैं. ऐसे में रोजाना बुखार के लिए दिखाने आने वाले मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, लेकिन मास्क सब जगह अनिवार्य ना होने की वजह से प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में बुखार के सभी मरीज एक साथ बैठे हैं. चाहे किसी को बाद में कोरोना वायरस निकले या साधारण वायरल बुखार.
ग्रेटर नोएडा में बना सरकारी अस्पताल गवर्नमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस ओपीडी में लगे बोर्ड पर लिखा है हम आपके स्वस्थ रहने की कामना करते हैं, लेकिन हर कमरे के बाहर लगी कतार यह बता रही है कि यह दुआ पूरी नहीं हो रही. डॉक्टरों का भी कहना है कि पिछले कुछ दिनों में कोविड-19 मामलों की वजह से ओपीडी में भीड़ बढ़ती चली जा रही है.
इस अस्पताल में पिछले 1 महीने में ही कोविड-19 चीजों की संख्या में 20% का इजाफा देखा गया है. हालांकि डॉक्टरों का मानना है कि राहत की बात यह है कि एक भी मरीज को भर्ती करने की नौबत नहीं आई है, लेकिन अब जिस तेजी से गौतमबुध नगर में मामले बढ़ रहे हैं उसे देखते हुए भर्ती करने लायक मरीजों के लिए भी फिर से बेड की व्यवस्था की जा रही है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोरोना से बचने के तरीके जारी किए हैं. आईएमए के मुताबिक अधिकतर मामले 60 से अधिक उम्र के लोगों और डायबिटीज जैसी पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में देखने को मिले हैं. बीते 24 घंटों में भारत में कोरोना की वजह से 15 मौतें हो गई हैं. इनमें से तीन केवल दिल्ली में हुई है. उत्तर प्रदेश में भी सबसे बुरा हाल गौतमबुद्ध नगर जिले का है. दिल्ली-एनसीआर में संक्रमण की दर 26% को पार कर गई है. यानी कि हर 100 में से 26 लोगों को कोरोना का खतरा बताया जा रहा है.
इस बीच भारत में एक और वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर ली जा सकती है. यह है covovax वैक्सीन, जो अमेरिका और यूरोप में भी बूस्टर के तौर पर लगाई जा रही है. हालांकि हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने यह साफ किया है छोटे बच्चों को बूस्टर डोज की विशेष जरूरत नहीं है, लेकिन बीमार लोग, बुजुर्ग लोग और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को चौथी बूस्टर के बारे में भी सोच लेना चाहिए. हालांकि भारत में अभी केवल तीन डोज की ही व्यवस्था है.