Chhattisgarh Liquor Scam Case : अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर से CBI करेगी शराब घोटाले में पूछताछ

Chhattisgarh Liquor Scam Case : सीबीआई ने झारखंड शराब नीति घोटाले की जांच का दायरा बढ़ाया। केंद्रीय एजेंसी मामले की जांच करेगी। छग सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश का नोटिफिकेशन कर दिया है। सीबीआई जांच के बाद एक बार फिर घोटालेबाजों की मुसीबत बढ़ेगी।
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अनिल टुटेजा,अरुणपति त्रिपाठी,अनवर ढेबर,झारखंड के आबकारी सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त आबकारी आयुक्त गजेन्द्र सिंह को सामना करना पड़ेगा। पिछले साल ईओडब्ल्यू एसीबी ने केस दर्ज किया था लेकिन झारखंड सरकार द्वारा सहयोग नहीं देने के कारण मामला ठंडे बस्ते में था।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में जिस पैटर्न पर आबकारी विभाग में बड़ा घोटाला हुआ उसी तर्ज पर झारखंड में शराब घोटाला हुआ। इस बात का खुलासा छत्तीसगढ़ ACB- EOW की ओर से 7 सितंबर को दर्ज की गई FIR से हुआ। छत्तीसगढ़ में दर्ज इस FIR में झारखंड के CM हेमंत सोरेन के सचिव रहे चुके IAS विनय कुमार चौबे और पूर्व संयुक्त आयुक्त आबकारी गजेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। दोनों अफसरों पर रायपुर EOW ने धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने की धाराओं में नया केस दर्ज किया था। वहीं छत्तीसगढ़ के लिकर सिंडिकेट से जुड़े सभी लोगों के नाम भी सामने आए हैं।
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पहले जानिए FIR में क्या है
आर्थिक अपराध अन्वेषण और एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से यह FIR दर्ज की गई थी। इसमें बताया गया है कि तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरूणपति त्रिपाठी और उनके सिंडिकेट झारखंड के अधिकारियों के साथ मिले। सभी ने मिलकर साजिश के तहत झारखंड की आबकारी नीति में फेरबदल किया। इसके बाद राज्य में देशी और विदेशी शराब का टेंडर भी सिंडिकेट के लोगों को दिलवाया। झारखंड में बिना हिसाब की डूप्लीकेट होलोग्राम लगी देशी शराब की बिक्री की गई। साथ ही विदेशी शराब की सप्लाई का काम एफ.एल.10 ए लाइसेंस के रूप में नियम बनाकर अपने करीबी एजेंसियों को दिलाया। इसके बाद उन कंपनियों से करोड़ों रुपए का अवैध कमीशन लिया। इससे करोड़ों रुपयों की अवैध कमाई की गई।