नेताओ को वोट चहिए अधिकारियों को कुर्सी,एक ही समस्या के लिए बार बार सड़क पर उतरती जनता, फिर भी क्यों नही होता हल….??
ओम गवेल
छत्तीसगढ़ – कोरबा खबर
नेताओ को वोट चहिए अधिकारियों को कुर्सी,एक ही समस्या के लिए बार बार सड़क पर उतरती जनता, फिर भी क्यों नही होता हल….??
सर्वमंगला मन्दिर मार्ग से गुजरना हुआ मुश्किल,कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा… देखें वीडियो….
कोरबा – चुनाव से पूर्व नेताओ द्वारा जनता की समस्याओं को चुटकी में निपटान करने का दम भरने वाली राजनीतिक पार्टियां असल में कितनी संवेदनशील है इसका सर्वोत्तम उदाहरण कोयलांचल की जनता से बेहतर कोई नही जानता। एक ओर प्रशासन लोकसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान कराने प्रयासरत है,वहीं प्रशासन की अनदेखी से परेशान होकर चुनाव बहिष्कार तक की घोषणा कर चुकी है। बावजूद इसके ना तो नेताओं की नींद टूट रही है ना ही प्रशासन की। वोट लेना हो तो नेता आपके दरवाजे तक आ जाते हैं और समस्या हो तो उसके लिए अधिकारियों को भेज देते हैं जो आश्वाशन रूपी झुनझुना लेकर पंहुच जाते हैं। हम बात कर रहें हैं कोरबा शहर से लगे मां सर्वमंगला मंदिर रोड की,यहां बीते लगभग 1 वर्षों से जर्जर और धूल युक्त सड़क को सुधारने,बनाने ग्रामीण जद्दोजहद कर रहें हैं, आंदोलन कर रहे हैं, परेशानियों का सामना कर रहें है,केवल वे ही क्यों यहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति परेशानियों का सामना कर रहा है। सर्वमंगला चौक से लेकर मंदिर के पीछे रास्ते से होते हुए नहर मुख्य मार्ग की चढ़ाई तक लगभग 1 किलोमीटर का रास्ता विशाल गढ्ढों के साथ साथ भारी धूल युक्त हो चुका है, ऐसे में भारी वाहनों के साथ साथ हल्के वाहन भी साथ साथ गुजर रहें है,धूल की परत की मोटाई कई स्थानों पर तो 6 इंच से 1 फिट तक हो चुकी हैं। सड़क से उड़ने वाली धूल से आंखों के समाने हमेशा अंधेरा रहता है। इस मार्ग पर लोग जान हथेली पर रखकर चलने मजबूर है। बावजूद इसके इसके जिम्मेदार इस दिशा में गंभीरता से सुध नहीं ले रहें है। इस समस्या को लेकर आसपास के ग्रामीण अनेकों पर आंदोलन,धरना पेदरहा,भूख हड़ताल के साथ साथ लोकसभा चुनाव बहिष्कार तक को चेतावनी दे चुके है,परंतु समस्या जस के तस बनी हुई है। यहां मंदिर के पीछे रेलवे ब्रिज का काम अधूरा है,सीसी सड़क भी अधूरी है, वैकल्पिक मार्ग के नाम पर मिट्टी के टीले हैं,जिसमें हजारों लोग प्रतिदिन आवागमन कर रहे हैं। ऐसे राहगीरों के साथ साथ मंदिर परिसर,आसपास रहें वाले लोगों का जीना दुर्भर हो चुका है। कुछ माह पूर्व सर्वमंगला चौक पर ग्रामीणों द्वारा अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू किया गया था जिस पर प्रशासन के अधिकारियों ने लिखित आश्वासन देकर समस्याओं के समाधान की बात कही थी,बावजूद इसके समस्या जस के तस रही। इससे दुखी ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव बहिष्कार की बात कह दी,जिस पर तहसीलदार द्वारा उन्हें फिर से सिर्फ आश्वाशन ही दिया गया है। चूंकि आचार संहिता की वजह से ग्रामीण अभी चुप्पी साधे हुए है अगर आने वाले दिनों में समस्या का समाधान नहीं हुआ तो और व्यापक आंदोलन देखने को मिल सकता है।