CG Weather: मानसून पर ‘अल नीनो’ का साया, अब प्रदेश में देर से बरसेगी बदरा, जून में भी सूखे के आसार

रायपुर: केरल में मानसून की एंट्री के बाद उम्मीद जताई जा रही थी की जून के दूसरे हफ्ते में मानसून प्रदेश में भी दस्तक दे देगा, लेकिन इसपर अल नीनो का असर पड़ता दिख रहा हैं। अब मानसून को केरल पहुँचने में ही तीन से चार दिन का समय लग सकता हैं। जाहिर हैं ऐसे में अब छत्तीसगढ़ में बारिश देर से होगी। मौसम विभाग की मानें तो जून में सूखे के भी आसार हैं। यानी जून के ही महीने में कम बारिश होगी।

क्या है अल नीनो?

प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना को अल-नीनो कहा जाता है। आसान भाषा में समझे तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं उस समुद्री घटना को अल नीनो का नाम दिया गया है। इस बदलाव की वजह से समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है।

अल नीनो का मौसम पर क्या पड़ता है असर?

अल नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह तापमान सामान्य से ज्यादा हो जाता है यानी गर्म हो जाता है। इस गर्मी की वजह से समुद्र में चल रही हवाओं के रास्ते और रफ्तार में परिवर्तन आ जाते हैं। इस परिवर्तन के कारण मौसम चक्र बुरी तरह से प्रभावित होता है। अल नीनो का असर दुनिया भर में महसूस किया जाता है। जिसके कारण बारिश, ठंड, गर्मी सब में अंतर दिखाई देता है। अब मौसम के बदल जाने के कारण कई स्थानों पर सूखा पड़ता है तो कई जगहों पर बाढ़ आती है।

जिस साल अल नीनो की सक्रियता बढ़ती है, उस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून पर इसका असर पड़ता है। जिससे धरती के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होती है तो कुछ हिस्सों में सूखे की गंभीर स्थिति सामने आती है। हालांकि कभी-कभी इसके सकारात्मक प्रभाव भी हो सकते हैं, उदाहरण के तौर पर अल नीनो के कारण अटलांटिक महासागर में तूफान की घटनाओं में कमी आती है।

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