हनुमान मंदिर में 21 दिवसीय आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला का शुभारंभ, पहले ही दिन श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

चांपा : हनुमान मंदिर प्रांगण में 30 नवंबर से आरंभ हुई 21 दिवसीय आध्यात्मिक प्रवचन श्रृंखला का शुभारंभ अत्यंत भव्य और दिव्य वातावरण में हुआ। प्रथम दिवस पर शहर एवं जिले भर से जुटे श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने मंदिर परिसर को पूरी तरह भर दिया। जगद्गुरुत्तम स्वामी कृपालु महाराज के परम शिष्य डॉ. स्वामी युगल शरण ने सनातन धर्म की महिमा, वेदों की सर्वोच्चता और विश्व के धार्मिक ढांचे पर गहन एवं प्रभावशाली प्रवचन दिया।
अपने प्रवचन में स्वामी युगल शरण ने बताया कि संपूर्ण विश्व में कुल 11 प्रमुख धर्म विद्यमान हैं, जिनमें से 3 धर्म विदेशों में उत्पन्न हुए, जबकि 8 धर्म भारत की पवित्र भूमि से जन्मे। उन्होंने कहा कि भारत केवल एक देश नहीं, बल्कि ज्ञान, अध्यात्म और धर्म का वैश्विक केंद्र है, जहा से उत्पन्न आध्यात्मिक धाराएं आज भी पूरे विश्व को दिशा प्रदान कर रही हैं। स्वामी जी ने कहा कि सनातन धर्म को “परम धर्म” इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह न तो किसी व्यक्ति पर आधारित है और न किसी विशेष समय पर; यह सृष्टि के साथ ही प्रकट हुआ धर्म है। अनेक धर्म सत्य का केवल आंशिक स्वरूप प्रस्तुत करते हैं, जबकि सनातन धर्म सत्य को उसके संपूर्ण, वैज्ञानिक और दार्शनिक रूप में प्रस्तुत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां कई मत केवल ईश्वर के निराकार रूप को ही स्वीकारते हैं, वहीं सनातन धर्म ईश्वर को साकार तथा निराकार दोनों रूपों में मान्यता देता है। प्रकृति और सद्गुणों पर बोलते हुए स्वामी जी ने बताया कि हर श्रेष्ठ विचार मनुष्य को अच्छाई की ओर ले जाता है, परंतु सनातन विचारधारा प्रकृति के प्रत्येक तत्व में ईश्वर को देखने की प्रेरणा देती है। उन्होंने कहा कि यदि मनुष्य अच्छाई से प्रेम करेगा, तो श्रेष्ठ गुण अपने आप विकसित होंगे, क्योंकि प्रेम सभी सद्गुणों का मूल आधार है।
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श्रेष्ठ वेदों की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी युगल शरण जी ने बताया कि वेद केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि मानव जीवन के प्रत्येक क्षेत्र-विज्ञान, समाज, चिकित्सा, मनोविज्ञान औ अध्यात्म के सर्वोच्च मार्गदर्शक हैं। वेद मंत्र ईश्वर प्रदत्त ज्ञान हैं और इनमें जीवन के प्रत्येक प्रश्न का समाधान निहित है। श्रद्धालुओं से वेदों की शिक्षाओं को समझने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने का आग्रह किया। श्रृंखला के पहले ही दिन हनुमान मंदिर प्रांगण श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। प्रवचन के दौरान वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा, भक्ति और शांति का अद्भुत संगम देखा गया। आयोजन समिति ने बताया कि यह प्रवचन श्रृंखला आगामी 21 दिनों तक प्रतिदिन आयोजित होगी, जिसमें प्रत्येक दिन नए विषयों पर विस्तृत प्रवचन दिए जाएंगे। सभी नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में जुड़कर इस ज्ञानगंगा का लाभ लेने की अपील की गई है।





