
कोरबा. पैर में हुए सूजन के उपचार में लापरवाही बरतना एक ग्रामीण को काफी महंगा पड़ गया है. संक्रमण फैलने के कारण उसके पैर को अब काटने की नौबत आ गई है. ग्राम चाकामार के रहने वाले जगतनारायण अस्पताल में उपचार कराने के बजाए बैगा से झाड़ फूंक कराते रहे. जिसके कारण यह स्थिति पैदा हो गई है. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को सस्ता उपचार सुलभ हो सके, इसके लिए शासन-प्रशासन ने गांव-गांव में अस्पताल खोल दिया है. बावजूद आज भी लोग देसी इलाज और अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े हुए हैं.
ग्रामीण आज भी झांड़-फूंक के चक्कर में पड़कर अपनी जिंदगी को दांव पर लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं. ऐसा ही कुछ कोरबा के ग्राम चाकामार में देखने को मिला है. यहां पैर में हुए सूजन का उपचार अस्पताल में कराने के बजाए व बैगा से झाड़-फूंक कर ठीक कराने की कोशिश की गई. जिसका नतीजा यह हुआ कि जगतनारायण के पैर में संक्रमण फैल गया गया और अब चिकित्सक ने उनका एक पैर काटने तक की बात कह दी.
फिलहाल जगतनारायण को बेहतर उपचार के लिए रेफर कर दिया गया है. समय रहते अगर वे अपने पैर का उपचार अस्पताल में करा लेते तो आज पैर काटने की नौबत नहीं आती. फिलहाल उन्हें सिम्स रेफर कर दिया गया है. जहां शायद उनका उपचार संभव हो सके और पैर काटने की नौबत न आए.