Chhattisgarh

*मैत्री मिलन समारोह के आयोजन में शामिल हुईं कृषि सभापति श्रीमती ललिता -अशोक*

जिला रिपोर्टर सक्ती- उदय मधुकर

 

सक्ती (असं.) मालखरौदा में बीते 27 दिसंबर को मैत्री मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन में मालखरौदा जनपद पंचायत क्षेत्र से कृषि स्थायी समिति के सभापति श्रीमती ललिता -अशोक डहरिया भी शामिल हुईं। श्रीमती ललिता -अशोक डहरिया ने इस मौके पर इस सुंदर आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। सभापति श्रीमती डहरिया ने आगे कहा कि बीता हुआ वक्त तो कभी लौटकर तो नहीं आता है लेकिन उसकी यादें हमेशा दिलों में जिंदा रहती है।‌ ऐसे में अपने पुराने मित्र जब आपस में मिलते हैं तो तो कुछ पलों के लिए वहीं दौर लौट आता है। अशोक डहरिया ने कहा कि बचपन का वक्त हमारी जिंदगी का सबसे सुंदर दौर होता है उन पलों में हमारा जीवन जीवन के जिम्मेदारियों से मुक्त होता है। उस दौर के साथी भले ही साथ न हों पर उनकी यादें सदा साथ होती हैं। इधर मालखरौदा में आयोजित मैत्री मिलन समारोह के आयोजन में शामिल हुए मित्रगणों में अनिता लहरे, श्यामता कुमार, विजेन्द्र खाण्डेकर, महेत्तर डहरिया, अशोक डहरिया, दमयन्ती केंवट, आशीष अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, अंजना धिरहे, डाॅ. बाबूलाल यादव एवं शांतनु चन्द्रा उपस्थित रहे। गौरतलब हो कि मालखरौदा ब्लॉक मुख्यालय में संचालित मंगल भवन में 27 दिसंबर शनिवार को आयोजित यह विशेष आयोजन उन छात्रों का था जिन्होंने 1997 में मालखरौदा के गवर्नमेंट हाईस्कूल से पढ़ाई पूरी की थी. लगभग 28 साल बाद सभी पुराने दोस्त अपने जीवनसाथियों एवं बच्चों के साथ एक बार फिर मिले और उस बचपन को फिर से जिया, जिसे कभी पीछे छोड़ आए थे, अब इनमें से कुछ अधिकारी बन गए हैं कुछ प्रतिष्ठित व्यापारी बन गए हैं कुछ जनप्रतिनिधि बनकर समाज सेवा करते हुए अपनी जिम्मेदारी का समाज मे बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। मुद्दतों बाद मिले मित्रों में आत्मीयता देखते ही बन रही थी। सभी एक बार फिर अपने बचपन‌ के दिनों को याद करते दिखे।

 

——————————- डहरिया*

सक्ती मालखरौदा में बीते 27 दिसंबर को मैत्री मिलन समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन में मालखरौदा जनपद पंचायत क्षेत्र से कृषि स्थायी समिति के सभापति श्रीमती ललिता -अशोक डहरिया भी शामिल हुईं। श्रीमती ललिता -अशोक डहरिया ने इस मौके पर इस सुंदर आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई दी। सभापति श्रीमती डहरिया ने आगे कहा कि बीता हुआ वक्त तो कभी लौटकर तो नहीं आता है लेकिन उसकी यादें हमेशा दिलों में जिंदा रहती है।‌ ऐसे में अपने पुराने मित्र जब आपस में मिलते हैं तो तो कुछ पलों के लिए वहीं दौर लौट आता है। अशोक डहरिया ने कहा कि बचपन का वक्त हमारी जिंदगी का सबसे सुंदर दौर होता है उन पलों में हमारा जीवन जीवन के जिम्मेदारियों से मुक्त होता है। उस दौर के साथी भले ही साथ न हों पर उनकी यादें सदा साथ होती हैं। इधर मालखरौदा में आयोजित मैत्री मिलन समारोह के आयोजन में शामिल हुए मित्रगणों में अनिता लहरे, श्यामता कुमार, विजेन्द्र खाण्डेकर, महेत्तर डहरिया, अशोक डहरिया, दमयन्ती केंवट, आशीष अग्रवाल, मनोज अग्रवाल, अंजना धिरहे, डाॅ. बाबूलाल यादव एवं शांतनु चन्द्रा उपस्थित रहे। गौरतलब हो कि मालखरौदा ब्लॉक मुख्यालय में संचालित मंगल भवन में 27 दिसंबर शनिवार को आयोजित यह विशेष आयोजन उन छात्रों का था जिन्होंने 1997 में मालखरौदा के गवर्नमेंट हाईस्कूल से पढ़ाई पूरी की थी. लगभग 28 साल बाद सभी पुराने दोस्त अपने जीवनसाथियों एवं बच्चों के साथ एक बार फिर मिले और उस बचपन को फिर से जिया, जिसे कभी पीछे छोड़ आए थे, अब इनमें से कुछ अधिकारी बन गए हैं कुछ प्रतिष्ठित व्यापारी बन गए हैं कुछ जनप्रतिनिधि बनकर समाज सेवा करते हुए अपनी जिम्मेदारी का समाज मे बखूबी निर्वहन कर रहे हैं। मुद्दतों बाद मिले मित्रों में आत्मीयता देखते ही बन रही थी। सभी एक बार फिर अपने बचपन‌ के दिनों को याद करते दिखे।