गुरू घासीदास जयंती पर सतनामी समाज ने जिले भर में निकाली सतनाम यात्रा, फिजा में गूंजा जय सतनाम*
जिला रिपोर्टर शक्ति उदय मधुकर

*सक्ती, जैजैपुर, मालखरौदा व डभरा विकासखंड से हजारों लोग हुए शामिल*

सक्ती बाबा गुरू घासीदास जी के 269 वें जयंती के पावन अवसर पर 18 दिसंबर, गुरूवार को जिले भर में सतनामी समाज के लोगों ने सतनाम शोभा यात्रा निकाल कर जनसाधारण को बाबा गुरू घासीदास जी के मनखे-मनखे एक बरोबर पर आधारित सतनाम संदेश के प्रति जागरूक किया। जिले के सक्ती विकासखंड में सतनाम शोभायात्रा की शुरुआत खैरा – तुर्रीधाम स्थित जैतखाम पर पूजा अर्चना करने के साथ हुई। जो आगे नगरदा, जर्वे, पोड़ी, दारंग, सरहर, बाराद्वार, मुक्ता राजा, सकरेली, केसला, जेठा, सुआडेरा, डोंडिया, पोरथा होते सक्ती पहुंची जहां नगर भ्रमण पश्चात यात्रा सक्ती नगर में अंबेडकर चौक के पास स्थित नवनिर्मित जैतखाम के पहुंचने के साथ सम्पन्न हुई। इसी क्रम में बात हम जैजैपुर विकासखंड की करें तो यहां भी गुरू घासीदास जयंती बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जैजैपुर में सतनाम शोभायात्रा की शुरुआत नगर पंचायत जैजैपुर स्थित नवनिर्मित सतनाम भवन से शुरू होने के बाद यह शोभायात्रा ओड़ेकेरा, हरिनाचाकर, परसाडीह, सेन्दरी, घिवरा, बिर्रा, बसंतपुर, किकिरदा, करही, पेंड्री, चिस्दा, परसदा, हसौद, गुंजियाबोड़, देवरघटा, पिसौद, बरेकेलखुर्द, खैरझिटी, रीवा डीह, खरवानी, बेलादुला, बोड़सरा होते तुषार पहुंच कर यात्रा सम्पन्न हुई। इसी क्रम में मालखरौदा व डभरा विकासखंड से भी जिला स्तरीय रैली निकाली गई जो कि
मिरौनी बैराज से प्रारंभ होकर घोघरी, छपोरा, मिशन चौक, बीरभांठा, पोता, अड़भार, सक्ती नगर भ्रमण, सिंघनसरा, आड़िल, आमनदुला, सतनाम भवन मालखरौदा तक निकली वहीं दूसरी रैली डभरा से प्रारंभ, गोबरा, फरसवानी, नगझर मोड़, छोटे सीपत में मुख्य रैली में शामिल हुआ। वहीं एक और रैली परसाडीह से प्रारंभ होकर कुसमुल, सिंघरा, देवरघटा, सारसकेला, चरौदी, लिमगांव होते अड़भार में मुख्य रैली में शामिल हुई।

इस दौरान हजारों की संख्या में बाबा गुरू घासीदास के अनुयाई सतनाम रैली में शामिल हुए। फिजा जय सतनाम की शोर से गुंजायमान होते रहा। वहीं जिले भर के गांवों में सतनामी समाज के लोगों ने बाबा के जैतखाम पर सफेद ध्वज चढ़ाया और बाबा गुरू घासीदास जी के बताते सतनाम विचारधारा पर चलने का संकल्प लिया। गौरतलब हो कि हमारे छत्तीसगढ़ महतारी की गोद में आज से 269 साल पहले बाबा गुरू घासीदास जी का जन्म गिरौदपुरी में 18 दिसंबर 1756 में हुआ था। बाबा गुरू घासीदास जी को भारत वर्ष के संत परंपरा में महात्मा बुद्ध, गुरू नानक, रैदास, कबीर की संत परंपरा को आगे बढ़ाने वाले महान संत थे। जिन्होंने मानवता को मनखे- मनखे एक बरोबर की शिक्षाओं पर आधारित सतनाम का संदेश दिया था। बाबा गुरू घासीदास की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं जो कि हमें सत्य, अहिंसा, प्रेम व भाईचारे का संदेश देता है।






