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बिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर द्वारा सिरपुर शैक्षणिक भ्रमण का सफल आयोजन

बिलियंट पब्लिक स्कूल, बनारी, जांजगीर में संस्था संचालक श्री आलोक अग्रवाल, डॉ. गिरिराज गढ़ेवाल एवं प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह जी के निर्देशन में दिनांक- 07/12/2025 को एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। इस इस शैक्षणिक भ्रमण का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की गौरवशाली ऐतिहासिक विरासत, प्राचीन स्थापत्य कला एवं बौद्धकालीन संस्कृति से प्रत्यक्ष रूप से परिचित कराना, साथ ही विद्यार्थियों के प्रायोगिक ज्ञान, सांस्कृतिक समझ और ऐतिहासिक धरोहरों से अवगत करना था। इस शैक्षणिक भ्रमण में विद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थी एवं शिक्षकगण उत्साहपूर्वक सम्मिलित हुए। विद्यालय प्रशासन द्वारा प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों के लिए शैक्षणिक भ्रमण, औद्योगिक भ्रमण और सांस्कृतिक यात्राओं का आयोजन किया जाता है, ताकि विद्यार्थी पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ वास्तविक अनुभवों से भी सीख सकें। सर्वप्रथम भ्रमण के लिए निर्धारित तिथि पर प्रातःकालीन समय से ही विद्यालय परिसर में छात्रों की चहल-पहल देखने को मिली। कक्षा-6वीं से कक्षा-12वीं तक के लगभग दो सौ विद्यार्थी अपने शिक्षकों के साथ विद्यालय पहुँच चुके थे। विद्यालय की प्राचार्या श्रीमती सोनाली सिंह जी द्वारा यात्रा के महत्व को समझाते हुए विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान, अनुशासन, समूह में कार्य और सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की सीख दी गई। प्राचार्या ने सुरक्षा के सभी निर्देश समझाते हुए विद्यार्थियों को यात्रा का आनंद लेने तथा प्रत्येक स्थल पर शैक्षणिक जिज्ञासा के साथ जानकारी प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। विद्यालय प्रबंधन की ओर से सभी बसों को विधिवत, प्राचार्या एवं संस्था संचालक महोदय द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। बसों के रवाना होते ही विद्यार्थियों में उत्साह, उल्लास और जिज्ञासा का मिश्रण साफ देखा जा सकता था। यात्रा के दौरान शिक्षकों ने विद्यार्थियों को सिरपुर क्षेत्र के ऐतिहासिक महत्व, मंदिरों की स्थापत्य कला, बौद्ध विहार की संरचना और वहां की सांस्कृतिक विशिष्टताओं से परिचित कराया। शैक्षणिक भ्रमण का पहला पड़ाव लक्ष्मणेश्वर मंदिर रहा, जो अपनी प्राचीन और उत्कृष्ट वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर परिसर पहुँचते ही विद्यार्थियों के चेहरों पर इतिहास को देखने की जिज्ञासा और उमंग साफ दिखाई दे रही थी। शिक्षकगण ने मंदिर की उत्पत्ति, इससे जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों, स्थानीय मान्यताओं और पुरातत्व विभाग की भूमिका पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। विद्यार्थियों को बताया गया कि यह मंदिर कला, संस्कृति और छत्तीसगढ़ की प्राचीन स्थापत्य विरासत का अद्भुत उदाहरण है। मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई उत्कृष्ट नक्काशी, पत्थरों पर की गई शिल्पकला और संरचना की अनोखी बनावट ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। शिक्षकगण ने विद्यार्थियों को मंदिर की रचना शैली, निर्माण सामग्री, युगीन विशेषताओं और धार्मिक महत्व के बारे में बारीकी से बताया। लक्ष्मणेश्वर मंदिर भ्रमण के बाद यात्रा का दूसरा प्रमुख स्थल था बौद्ध विहार, जो शांति, अध्यात्म और भारतीय सांस्कृतिक विविधता का अनोखा प्रतीक है। बौद्ध विहार पहुँचने पर विद्यार्थियों को वहाँ के शांत वातावरण, विशाल परिसर और संरचनात्मक कला ने आकर्षित किया। शिक्षकगण ने विद्यार्थियों को बताया कि प्राचीन काल में बौद्ध शिक्षा केंद्रों की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। यहाँ विद्यार्थियों को बुद्ध के जीवन, उनके उपदेशों, मध्यम मार्ग, करुणा और मानवता जैसे सिद्धांतों से अवगत कराया गया। विहार में स्थित प्रतिमाएँ, स्तूप और पुरातात्विक अवशेष बौद्ध संस्कृति की समृद्धता को दर्शाते हैं। विद्यार्थियों ने यहाँ ध्यान स्थल, पूजा स्थल और विहार की संरचनात्मक सुंदरता को नजदीक से देखकर इसकी महत्ता को महसूस किया। शिक्षकों ने समझाया कि भारत में बौद्ध धर्म का इतिहास और इसकी विभिन्न शाखाएँ कैसे विकसित हुईं और किस प्रकार इसने भारतीय समाज और संस्कृति को प्रभावित किया। यह भ्रमण विद्यार्थियों के लिए केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि सीखने और अनुभव अर्जित करने का माध्यम साबित हुआ। विद्यार्थियों ने इतिहास की कक्षाओं में पढ़ी गई जानकारियों को वास्तविक रूप में देखकर अपने ज्ञान को और मजबूत किया। कई विद्यार्थियों ने यह बताया कि इस यात्रा से उन्हें प्राचीन भारतीय संस्कृति के संरक्षण, ऐतिहासिक विरासत और पुरातत्त्व के महत्व की गहरी समझ मिली। कुछ विद्यार्थियों ने पहली बार किसी ऐतिहासिक स्थल को इतने करीब से देखा, जिसने उनके भीतर इतिहास और संस्कृति के प्रति रुचि बढ़ाई। विद्यालय प्रबंधन ने यात्रा के दौरान सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए भोजन, नाश्ता, साफ पानी और प्राथमिक उपचार की उत्कृष्ट व्यवस्था की थी। बसों में शिक्षक एवं सहायक कर्मचारी लगातार विद्यार्थियों की सुरक्षा का ध्यान रखते रहे। समूहबद्ध तरीके से सभी विद्यार्थियों को प्रत्येक स्थल पर ले जाया गया ताकि कोई भी बच्चा भीड़ में न खो जाए और सभी सुरक्षित रहें। दिनभर के भ्रमण के बाद सभी बसें पुनः विद्यालय पहुँचीं। यहाँ विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह शैक्षणिक भ्रमण न केवल मनोरंजक रहा, बल्कि ज्ञानवर्धक भी था। विद्यालय प्रबंधन ने भ्रमण को सफल बनाने के लिए सभी शिक्षकों, सहायक स्टाफ, अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद व्यक्त किया। प्राचार्य महोदय ने कहा कि विद्यालय आगे भी इस प्रकार के सार्थक शैक्षणिक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा, जिससे विद्यार्थियों का व्यक्तित्व विकास और भी सुदृढ़ हो सके। ब्रिलिएंट पब्लिक स्कूल बनारी, जांजगीर द्वारा आयोजित यह एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए अत्यंत लाभकारी और अनुभवपरक सिद्ध हुआ। सिरपुर के लक्ष्मणेश्वर मंदिर और बौद्ध विहार का भ्रमण कर विद्यार्थियों ने पुस्तकीय ज्ञान से आगे बढ़कर वास्तविक जीवन के अनुभवों से शिक्षा प्राप्त की। विद्यालय की यह पहल विद्यार्थियों के बौद्धिक, सांस्कृतिक और सामाजिक विकास को एक नई दिशा प्रदान करने वाली सिद्ध हुई। इस शैक्षणिक भ्रमण में संस्था के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएँ, एडमिन स्टॉफ एवं ग्रुप डी स्टॉफ का विशेष योगदान रहा।