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नक्सलियों को बड़ा झटका: 1 करोड़ का इनामी मज्जी गिरोह समेत सरेंडर, महाराष्ट्र-MP-छत्तीसगढ़ नक्सलमुक्त की ओर

नई दिल्ली: कुख्यात नक्सली कमांडर रामधेर मज्जी ने आज सुबह छत्तीसगढ़ के बकरकट्टा में सरेंडर कर दिया। रामधेर मज्जी हिडमा के समकक्ष का नक्सली था। उसके साथ 12 अन्य खूंखार नक्सलियों ने भी सरेंडर कर दिया है। सेंट्रल कमेटी मेम्बर ( CCM ) रामधेर मज्जी पर एक करोड़ का इनाम घोषित था। इन नक्सलियों के सरेंडर के साथ ही महाराष्ट्र , मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जोन नक्सल मुक्त हो गया है। सरेंडर करनेवाले नक्सलियों में रामधेर मज्जी के अलावा तीन डिविजनल वाइस कमांडर और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल हैं। इनके पास से एके-47, इंसास और एसएलआर जैसे घातक हथियार भी बरामद किए गए हैं।

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नॉर्थ बस्तर डिविजन में एक्टिव था मज्जी

जानकारी के मुताबिक रामधेर मज्जी नॉर्थ बस्तर डिविजन में एक्टिव था। उसने खैरागढ़ के कुम्ही गांव, बरकट्टा थाने में पुलिस के सामने सरेंडर किया। उसके साथ डिविजनल कमेटी मेंबर (DVCM) रैंक के चंदू उसेंडी, ललिता, जानकी, प्रेम जैसे खूंखार नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाल दिए। इनमें से दो नक्सलियों के पास एके-47 और इंसास जैसे हथियार थे। इसके अलावा एरिय कमेटी मेंबर (ACM) स्तर के नक्सली रामसिंह दादा, सुकेश पोट्टम ने भी सरेंडर कर दिया। वहीं पार्टी मेंबर (PM) लक्ष्मी, शीला, योगिता, सागर और कविता ने भी पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस इन सभी से पूछताछ कर रही है ताकि उनके नेटवर्क और एक्टिविटी के बारे में और जानकारी जुटाई जा सके।

सरेंडर करने वाले माओवादी कैडर

  1. रामधर मज्जी – CCM – AK47
  2. चंदू उसेंडी – DVCM – 30Carbon
  3. ललिता – DVCM – Nil
  4. जानकी – DVCM – Insas
  5. प्रेम – DVCM – AK4
  6. रामसिंह दादा – ACM –
  7. सुकेश पोट्टम – ACM – AK4
  8. लक्ष्मी – PM – INSAS
  9. शीला – PM – INSAS
  10. सागर – PM – SLR
  11. कविता – PM –
  12. योगिता – PM – Nil

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31 मार्च 2026 तक की समय सीमा

केंद्र सरकार ने नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए 31 मार्च, 2026 तक की समयसीमा तय की है। इसके लिए सुरक्षाबलों ने अपना अभियान तेज करते हुए पिछले कुछ महीनों में नक्सलियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया। हाल में तीन दिसंबर को बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुए एनकाउंटर में 18 नक्सली मारे गए जबकि डीआरजी बीजापुर के तीन बहादुर जवान भी शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में जान गंवाने वाले हेड कांस्टेबल मोनू वडाड़ी, कांस्टेबल दुकारू गोंडे और जवान रमेश सोड़ी बीजापुर जिले के निवासी थे। इस दौरान डीआरजी के सहायक उप निरीक्षक समेत दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं।