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शाला विकास समिति के उपाध्यक्ष श्री गगन जयपुरिया जी का लगातार दूसरे दिन सघन निरीक्षण

शिक्षा विकास का दूसरा माध्यम कहा जा सकता है सरकार इसीलिए शिक्षा के विषय में चिंतित है, परंतु सवाल यह उठता है कि किस प्रकार से हम शिक्षा को धरातल पर देने के प्रयास में आगे बढ़ रहे हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए शासन ने लगातार एक महीने विद्यालयों के सघन निरीक्षण की कार्य योजना बनाई है। इस कार्य योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण एवं शहरी स्तर पर शिक्षा के विकास की वास्तविक स्थिति का आकलन करना है। इसके लिए जिला स्तर पर कई टीमों का गठन किया गया है जिनका मूल उद्देश्य विद्यालयों में जाकर शिक्षा की दिशा और दशा का संज्ञान लेना है।

इसी को ध्यान में रखते हुए जिला पंचायत जांजगीर के उपाध्यक्ष एवं शिक्षा समिति के स्थाई अध्यक्ष श्री गगन जयपुरिया जी लगातार दूसरे दिन भी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को परखने के लिए विद्यालयों में अपनी उपस्थिति देते नजर आए। आज निरीक्षण अवधि के द्वितीय दिवस उन्होंने शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला एवं शासकीय प्राथमिक शाला अफ़रीद, के साथ ही शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला पेण्ड्री का निरीक्षण किया। उनके निरीक्षण का मूल उद्देश्य विद्यालयों में जाकर शिक्षा और शिक्षक की स्थिति का पता लगाना रहा। जिला पंचायत के उपाध्यक्ष महोदय जैसे ही शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय पेण्ड्री में पहुंचे उन्होंने पाया कि बच्चे मैदान में खेल रहे हैं,और शिक्षक भी कहीं-कहीं अपने कार्यों में लगे हैं। विद्यार्थियों से पूछने के बाद बच्चों ने बताया कि आज उनकी केवल विज्ञान विषय की ही कक्षाएं लग पाई हैं और हिंदी के पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन उनके द्वारा किया गया है।

हिंदी के अध्ययन अध्यापन की जानकारी लेने के लिए उनके द्वारा विद्यालय के दो से तीन बच्चों को हिंदी पाठ्यपुस्तक देकर वाचन करने को कहा गया, विद्यालय के छात्र हिंदी पाठ का वचन ठीक ढंग से नहीं कर पाए। संबंधित विषय के शिक्षकों को बुलाकर कहा कि कक्षा आठवीं की स्थिति अधिक चिंताजनक है, बच्चों के पठन-पाठन की स्थिति का आप सभी आकलन करें और उसके अनुरूप अपनी कार्य योजना में सुधार लाने का प्रयास करें। उसके बाद में शासकीय प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय अफरीद का निरीक्षण करने निकल पड़े, यहां की कहानी भी कुछ अलग नहीं थी, बच्चे संख्या में कम दिखे और इसका सबसे मूल कारण शिक्षा व्यवस्था में कहीं ना कहीं कमी दिखी जिसके कारण विद्यालय में पालक अपने बच्चों को लाने के लिए रुचि नहीं ले रहे हैं। श्री जयपुरिया जी ने यहां भी शिक्षकों को उचित मार्गदर्शन दिया। इसके अलावा श्री गगन जयपुरिया जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बी एल ओ की ड्यूटी भी शिक्षकों की जो लगाई गई है उसमें भी असमानता है, किसी विद्यालय से तो सभी शिक्षकों को बी एल ओ की ड्यूटी में लगा दिया गया है। तो कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं जिनमें से किसी भी शिक्षकों की ड्यूटी इस कार्य के लिए नहीं लगाई गई है। संबंधित अधिकारियों से बात कर इसका निराकरण करने की बात भी उन्होंने कही ताकि शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके। इस प्रकार शासन स्तर पर निरीक्षण का बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य जागरूक जनप्रतिनिधियों द्वारा चलाया जा रहा है जिससे लगने लगा है कि आने वाले समय में जनता जागरूक होगी और शिक्षा की दशा और दशा सुधरेगी।