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बड़ी बेटी ने दी मुखाग्नि, सड़क हादसे में मृत कर्मी का किया गया अंतिम संस्कार

बड़ी बेटी ने दी मुखाग्नि, सड़क हादसे में मृत कर्मी का किया गया अंतिम संस्कार..

कोरबा – जिले के कुसमुंडा क्षेत्र अंतर्गत विकास नगर निवासी सुभाष तिवारी (45 वर्ष) की बीते गुरुवार को सड़क हादसे ने दुखद मृत्यु हो गई। इस हादसे की सूचना से पूरे कुसमुंडा क्षेत्र में शोक की लहर है। मृतक सुभाष तिवारी अदानी पावर में कार्यरत थे। इससे पूर्व वे कोयले के कार्य में थे। वे घुड़देवा स्कूल में पढ़े थे, खेल कूद में हमेशा आगे रहते थे, शारीरिक कद काठी में वे अच्छे लंबे और हटे कटे थे। उनके दोस्त बताते है कि वे छोटे बड़े सभी से सिर्फ मित्र, मितान और भ्राता जैसे शब्दों से ही संबोधन किया करते थे। बीते गुरुवार की सुबह उनका शव क्षेत्र के लक्ष्मण नाले में मिला। मीडिया को दिए बयान में पूर्व पार्षद और स्थानीय लोगों ने बताया कि वे अपने दुपहिया वाहन से किसी कार्य से आदर्श नगर की ओर गए हुए थे, इमली छापर फाटक बंद होने की स्थिति में वे कुचेना बायपास मार्ग से होते हुए विकास नगर घर लौट रहे थे। इसी दौरान सकरे लक्ष्मण नाला पुल में किसी अज्ञात वाहन ने उन्हें ठोकर मार दी जिससे वे बाइक सहित नाले में गिर गए। सिर में गंभीर चोट की वजह से उनकी मौत हो गई। पुलिस ने पूरे मामले में मर्ग पंचनामा करते हुए अज्ञात वाहन के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर लिया है। वहीं पूरे मामले की जांच में भी जुट गई है। गुरुवार की दोपहर मृतक सुभाष तिवारी के शव का पोस्टर्माटम कर परिजनों को सौंपा गया। सुभाष तिवारी के पिता का पूर्व में स्वर्गवास हो गया है। घर में बुढ़ी मां,पत्नी और दो बच्चियां है। घटना की सूचना से सभी सदमे में है। सभी का रो रो के बुरा हाल है। परजिनों और आसपास के परिचितों ने सभी को सम्हालने का प्रयास किया। गुरुवार की शाम विकास नगर स्थित मुक्तिधाम में श्री तिवारी का अंतिम संस्कार किया गया। जहां बड़ी बेटी ने उन्हें नम आंखों से मुखाग्नि देते हुए अंतिम विधाई दी। यह दृश्य देख अंतिम विधाई में पहुंचे सभी लोगों की आँखें नम हो गई।

कुसमुंडा क्षेत्र में लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं, कहीं गढ्डों की वजह से, कहीं अधूरे निर्माण की वजह से तो कहीं अनदेखी की वजह से। लोग अपनों को खो रहे हैं। बीते लगभग पांच वर्षों से इमली छापर चौक में फोर लेन का काम अटका पड़ा है, ओवर ब्रिज भी अधूरा है। वैकल्पिक मार्ग अब स्थाई मार्ग बन गए है। अंधेरा होते ही मुख्य मार्ग के साथ साथ बायपास मार्ग पर अंधेरा पसर जाता है। दुनिया जहान को रोशनी देने वाली कुसमुंडा को सड़के खुद अंधेरे में डूब जाती है,और यहां होने वाले हादसे लोगों के परिवारों को भी दुःख के गहरे अंधेरे में डूबा देती है। इतने हादसे और इतनी असुविधाओं के बावजूद मजाल है कि जिम्मेदारों की नींद टूटे। जब जब असुविधाओं की बात होती है तो इन अपनी कार्यशैली,जवाब देही को दूसरों पर मढ़ना इन्हें खूब आता है। कोरबा जिले के सबसे व्यस्तम मार्गों में से एक कोरबा कुसमुंडा मार्ग में बीते ५ वर्षों से अंधेरा पसरा हुआ है, शासन प्रशासन यह भली भांति जानता है, बावजूद इसके यहां स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं की जा रही है। यहां शायद ही एक दिन बीते जिस दिन कोई हादसा न होता हो। माना कि आप हादसे नहीं रोक सकते पर वे हादसे ना हो इसके लिए कमियों पर कार्य कर हादसों को रोकने का प्रयास तो कर ही सकते हो….. (ओम गवेल..) लिंक पर जाकर देखे घटनास्थल की वीडियो.. https://youtube.com/@groundzeronewstube8929?si=3dK4Hp4bvXl8LDdJ