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रेल हादसे में 11 लोगों की मौत,देर रात तक चला रेस्क्यू अभियान,बोगी काट कर निकाले 3 शव… जाने अब तक की पूरी खबर…

रेल हादसे में 11 लोगों की मौत,देर रात तक चला रेस्क्यू अभियान,बोगी काट कर निकाले 3 शव…

जाने अब तक की पूरी खबर…

ट्रेन हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि, 7 की हुई पहचान, रेस्क्यू के बाद पटरियों को सुधारने के कार्य शुरू, रेलवे के बाद राज्य सरकार ने सहायता राशि की घोषणा की बिलासपुर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 11 यात्रियों की मौत हो चुकी है। मंगलवार तक यह आंकड़ा 9 था। 20 से अधिक यात्री गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई की हालत नाजुक बनी हुई है। रात 2:30 बजे तक रेस्क्यू अभियान चला।

हादसा मंगलवार को उस समय हुआ, जब गेवरा मेमू लोकल ट्रेन बिलासपुर स्टेशन के आउटर पर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ रही थी। इसी दौरान सामने मालगाड़ी खड़ी थी और दोनों ट्रेनों में टक्कर हो गई।स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने तेज ब्रेक लगने की आवाज और फिर जोरदार धमाका सुना। कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाई। राहत और बचाव दलों ने गैस कटर से बोगियां काटकर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। देर रात तक रेस्क्यू अभियान जारी रहा। ऑटो सिग्नल फेल हुआ…?

हादसे का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन शुरुआती जानकारी के अनुसार ऑटो सिग्नल फेल होने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे ने कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) से हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा कि हादसा किन कारणों से हुआ। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर घायलों को 5 लाख रुपये तथा सामान्य घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने भी मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

कोरबा-बिलासपुर रेल मार्ग पर ट्रेनों का संचालन हादसे के बाद प्रभावित है। आजाद हिंद एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, बिलासपुर-टाटा एक्सप्रेस और अमरकंटक एक्सप्रेस सहित कई ट्रेनों के संचालन में 4-5 घंटे की देरी हो रही है। 11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, ट्रैक सुधारने में जुटी टीम हादसे के बाद करीब 11 घंटे तक रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में लगी रही। इस दौरान एक-एक कर बोगी में फंसे मृतकों और घायल यात्रियों को बाहर निकाला।

 

इस दौरान रेलवे के सुरक्षा और टेक्निकल विभाग की टीम रेलवे ट्रैक को सुधारने में लगे रहे। शाम करीब सात बजे से ही रेलवे ने एक ट्रैक पर परिचालन शुरू कर दिया था। जबकि, मिडिल लाइन को भी देर रात चालू कर लिया गया। जिसके बाद जिस ट्रैक पर हादसा हुआ था और जहां क्रेन यान की मदद से बचाव कार्य चल रहा था। उसे सुबह 4 बजे तक दुरुस्त करने का काम चलता रहा। रेलवे अफसरों ने बताया कि सुबह तक सभी लाइन पर ट्रेनों का परिचालन शुरू होने की उम्मीद है।

 

ट्रेन की बोगी में फंसे तीन शव को रात 2.30 बजे निकाला मालगाड़ी को टक्कर मारने के बाद मेमू लोकल के इंजन और उससे लगा हुआ महिला आरक्षित बोगी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। इस दौरान अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए बोगी और सीट को कटर से काटना पड़ा। रात करीब 10 बजे तक 8 शव निकाल लिए गए थे। जबकि, एक घायल ने रेलवे अस्पताल में दम तोड़ दिया।

तीन यात्री बोगी में फंसे हुए थे, जिन्हें निकालना मुश्किल हो रहा था। लिहाजा, देर रात तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ट्रेन की बोगी को क्रेन की मदद से रेलवे साइड पर लाया गया, जिसके बाद क्रेन और कटर की मदद से ही बोगी की खिड़कियों और सीटों को अलग किया गया। तब जाकर करीब 10 घंटे बाद रात 2.30 बजे तीन शवों को बाहर निकाला गया। इनमें एक शव की पहचान सक्ती जिले के जैजैपुर के ग्राम बहेराडीह की रहने वाली छात्रा प्रिया चंद्रा के रूप में हुई। प्रिया गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में बायो टेक्नोलॉजी विभाग में बीएसएसी की पढ़ाई कर रही थी। मृतकों के नाम विद्यासागर (55), लोको पायलट मेमू लोकल, प्रमिला वस्त्रकार (55), पाराघाट बिलासपुर, रंजीत भास्कर (32) कोसा, जांजगीर-चांपा, अर्जुन यादव (35), देवरीखुर्द, बिलासपुर, शिला यादव (30), देवरीखुर्द, बिलासपुर, मानमति यादव (65), देवरीखुर्द, बिलासपुर, प्रिया चंद्रा (22), बहेराडीह, जैजैपुर सक्ती शामिल हैं। 4 शवों की पहचान नहीं हो पाई है। घायलों के नाम मथुरा भास्कर (55 वर्ष )चौरा भास्कर (50),शत्रुघ्न (50),गीता देबनाथ (30),मेहनिश खान (19),संजू विश्वकर्मा (35),सोनी यादव (25),संतोष हंसराज (60),रश्मि राज (34),ऋषि यादव (2),तुलाराम अग्रवाल (60),आराधना निषाद (16),मोहन शर्मा (29),अंजूला सिंह (49),शांता देवी गौतम (64),प्रीतम कुमार (18),शैलेश चंद्र (49),अशोक कुमार दीक्षित (54),नीरज देवांगन (53),राजेंद्र मारुति बिसारे (60)