
बड़ी उम्मीद और बड़ी संख्या में अपनी मांगे रखने ग्राम खमरिया के ग्रामीण हुए एकजुट, कुसमुंडा प्रबंधन भी सकारात्मक पहल करने को है तैयार…. आश्वाशन नही परिणाम की है सभी को दरकार
कोरबा – किसी तरह भी बात बन जाए की नीति से चल रही कुसमुंडा प्रबंधन ग्राम खमरिया में डेरा जमाए हुए बैठी है, वजह साफ है वर्तमान में कुसमुंडा प्रबंधन के पास खदान विस्तार के लिए एक इंच जमीन बाकी नहीं हैं, खदान अब गांवों के मुहाने पर है, एक समय यहां समंदर जैसी विशालता के साथ कोयला निकाला जा रहा था आज स्थिति कुवे से गहरी खुदाई कर कोयला निकालना पड़ रहा है। ऐसे में प्रबंधन का रुख अपनी दशकों पुरानी अधिग्रहित की गई जमीनों के तरफ हुआ है, परंतु बीतते समय के साथ यहां भी कई विवाद है जो निश्चित रूप से प्रबंधन के पूर्व अधिकारियों की कमियों और अनदेखी का नतीजा है। बावजूद इसके ग्रामीण अपनी जायज मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें अब तक कोई सार्थक निष्कर्ष नहीं निकल पाया है। बीते शनिवार को ग्राम खमरिया के सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एकजुट होकर खमरिया के समतल किए जा रहे विशाल मैदान में पहुंचे जहां पर एसईसीएल की मशीनें जमीन समतलीकरण करने का कार्य कर रही थी, शुरुआत में चल रहे मशीनों को ग्रामीणों ने रुकवा दिया और SECL प्रबंधन के खिलाफ काम रोक कर नारेबाजी करने लगे । ग्रामीण और प्रबंधन के बीच मध्यस्थता करने पहुंचे नगर निगम एल्डरमैन गीता गवेल, वार्ड 60 पार्षद अजय प्रसाद, वार्ड 61 पार्षद शाहिद कुजूर ने प्रबंधन एवं ग्रामीणों सेे बात कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया, ताकी जल्द से जल्द ग्रामीणों की मांग पूरी हो और प्रबंधन भी अपना काम आगे बढ़ा सके, देर शाम तक कोई निष्कर्ष नही हुआ तो सभी अपने अपने घरों को लौट गए। आज पुनः रविवार को ग्रामीणों की प्रबंधन के साथ एक बैठक होनी है, क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है कि यह बैठक सार्थक हो और ग्रामीणों की जो भी समस्या है उसको प्रबंधन गंभीरता से ध्यान दें, आश्वासन के बल पर नहीं बल्कि तत्काल परिणाम के दम पर समस्याओं का हल किया जाएं।