बरभांठा व लिमतरा में भोजली उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया
जिला रिपोर्टर शक्ति उदय मधुकर

सक्ती छत्तीसगढ़ प्रदेश में पारंपरिक लोक पर्व के रूप में भोजली का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। भाद्रपक्ष के प्रथम दिवस में भोजली तालाब आदि में विसर्जित की जाती है। इस साल भी गांवों में भोजली उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इसी क्रम सक्ती विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत चोरिया के आश्रित ग्राम बरभांठा में भोजली उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। गांव के बजरंग चौक में सभी माताओं बहनों ने अपनी अपनी भोजली सिर पर उठाकर पहुंचीं जहां पारंपरिक रूप से पूजा-अर्चना कर गाजे बाजे के साथ भोजली गीत गाते भोजली विसर्जन किया गया।
इसी प्रकार ग्रामपंचायत लिमतरा में भी पारंपरिक भोजली उत्सव के दौरान ग्रामवासियों में भारी उत्साह दिखाई दिया। इस दौरान भोजली प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को सरपंच प्रतिनिधि मनहरण भारद्वाज ग्राम पंचायत लिमतरा की ओर से पुरस्कार भी प्रदान किया गया। जबकि सभी को 50-50 रू सांत्वना राशि भी प्रदान किया गया।
गौरतलब हो कि पारंपरिक पर्वों के रूप में भोजली का महत्वपूर्ण स्थान है। भाद्रपक्ष के प्रथम दिवस भोजली तालाबों में विसर्जित की जाती है। इस मौके पर ग्रामीण महिलाएं सर में भोजली धारण कर बाजे गाजे के साथ भोजली गीत गाते निकलती है और तालाबों या नदी नालों में विसर्जित कर देती है। इसके पश्चात एक दूसरे को भोजली भेंट कर समाज में लोगों के बीच आपसी भाईचारे व मैत्री के भाव को प्रदर्शित करती है। कहना गलत ना होगा की भोजली का यह पर्व समाज में आपसी भाईचारा वह मित्रता के भाव को स्थापित करता है।