पति द्वारा लगये गयी पुनर्निरीक्षण याचिका को माननिय उच्चा न्यायलय ने खारिज किया

भोलानाथ सिंह निवासी ग्राम पंडरी थाना चांदनी तहसील ओढ़ागी जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ का विवाह मनमती पिता भोला सिंह के साथ हुआ 30 वर्ष पूर्व हुआ था विवाह के भोला नाथ जी ने अपनी पत्नी के ऊपर तरह तरह के लांछांन लगाकर अपनी पत्नी से अलग रहाकर दूसरा विवाह कर लिया और अपनी पहली पत्नी मनमती को मारपीट कर मनमती को उसके पति ने अपने घर से भगा दिया मनमती ने अपने मायके जा कर रहने लगी इस तरह से उसकी लालन पालन भरन पोषण के लिए अपने पति के खिलाफ परिवार न्यायालय परिवाद दयार किया परिवार न्यायालय को बताया कि मेरा पति सरकारी शिक्षक जिसका मासिक वेतन ₹60000 है और मकान किराय से भी ₹20000 भी अर्जित करता है इसलिए मेरे पति से 20000 रुपये का भरण पोषण की राशि दिलायी जाए माननिय न्यायलय ने दोनों पक्षों को सुनाने के और ताथ्यो से सहमत होते हुए मनमती को अपने पति से 20000 की जगह 7000 प्राप्त करने का आदेश प्रदान किया, इसके बाद भोलानाथ सिंह परिवार न्यायलय के आदेश को माननिय उच्च न्यायलय में पुन: निरीक्षण याचिका प्रस्तुत किया और बताया कि मैं दूसरा विवाह कर लिया हूं जिसका उसका लालन पालन भी मुझे करना पड़ता है इसलिए मैं अपने परिवार को अपनी पहली पत्नी को 7000 प्रदान नहीं कर पाउंगा मनानी माननी उच्च न्यायालय ने इस पुनरीक्षण याचिका को सुनवाई करते हुए समय मनमती को नोटिस जारी किया और मनमती को नोटिस प्राप्त होने के बाद मनमती ने अपने याचिका की पेरवी के लिए अधिक्ता नसीमुद्दीन अंसारी से एव रियाजुद्दीन शेख अधिवक्ता को मननिय न्यायलय में यह तर्क प्रस्तुत किया की चुकी मनमती प्रथम पत्नी है और विधि रूप से अपने पति से भरण पोषण की राशि प्राप्त करने का अधिकार है मननिय उच्च न्यायलय ने अधिवक्ताओं के तर्क सुनाने के बाद परिवार न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए मन मति को 7000 प्रति माह भूषण पोषण की राशि प्रदान करने की आदेश को यथावत रखा उच्च न्यायालय ने इस प्रकार से पुना निरीक्षण याचिका को अंतिम निराकरण किया