बापू के देश में राष्ट्रपिता की प्रतिमा खंडित…छिपाने कपड़े से ढंका गया
गांधी की खंडित प्रतिमा हटाकर नई प्रतिमा स्थापित किया जावे...राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय आयोग

बापू याने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के तीन बंदर बुरा मत कहो, बुरा मत सुनो , बुरा मत देखो का संदेश देते हैं पर बापू के देश में जब राष्ट्रपिता को मुंह छुपाने की स्थिति आ जाए तो निश्चित रूप से मुंह तो खोलना पड़ेगा, यह बात इसलिए खास रूप से कहना पड़ रहा है कि सक्ती नवीन जिला मुख्यालय के सक्ती नगर पालिका सीमा से मात्र चंद दूरी पर बोरई नदी पुल से ठीक पहले कभी बरबस ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा सबको सत्य अहिंसा का संदेश देती नजर आती थी, पर कब किस विघ्नसंतोषी की बुरी नजर पड़ी और अब मूर्ति खंडित होकर कपड़े से ढंकी पड़ी है । ऐसा भी नहीं है कि यह मंजर लोगों के नजर से बाहर है इसके बावजूद राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति की यह दुर्दशा शायद धिक्कार रही है कि इंडियन कोर्ट हो या इंडियन नोट हो, गांधी जीकी तस्वीर में भलीभांति नजर आते हैं पर विकास के नाम पर नोटों का बौछार की बात कहने वाली ट्रिपल इंजन की सरकार, जिले के विधायक, सांसद सतत इस मार्ग से गुजरते हैं पर गांधी के नाम पर राजनीति करने वाले किसी को उनकी प्रतिमा के वर्तमान हश्र की परवाह ही नहीं फलस्वरूप *राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं सामाजिक न्याय* आयोग ने जिलाधीश को ज्ञापन देकर महात्मा गांधी के प्रतिमा को सम्मान के साथ पुनर्स्थापित करने का मांग किया है, शायद देश के राष्ट्रपिता के अमरता का जयघोष करने वाले तथा हर जगह हर पल गांधीवाद को आत्मसात करने का ढोंग करने वालों का स्वाभिमान अब जाग जाए और शीघ्र ही उनकी प्रतिमा पुनर्स्थापित हो तथा बापू को पुनः सम्मान मिले हम तो यही उम्मीद कर सकते हैं…